पाकिस्तान पर लटकी FATF की तलवार, सिर्फ 6 दिन का वक्त बचा

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2019 03:00 PM

pakistan faces fatf blacklist  call for action against jaish let

दुनिया भर में आतंकी संगठनों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स FATF...

इस्लामाबादः दुनिया भर में आतंकी संगठनों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) आतंकी संगठनों पर समुचित कार्रवाई न करने के लिए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल चुका है। इसके बाद पाकिस्तान को जैश और लश्कर के खिलाफ कार्रवाई करने का वक्त दिया गया था और उसे 27 एक्शन प्लान बताए गए थे। इस मामले पर फैसले से पहले पाकिस्तान के पास अब सिर्फ छह दिन का वक्त बचा है। अगर पाक जैश और लश्कर-ए-तयब्बा जैसे आतंकी संगठनों पर एक्शन लेने में नाकाम रहा पाकिस्तान FATF द्वारा ब्लैकलिस्ट हो सकता है।

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एशिया-पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को बताया है कि जिन 27 एक्शन प्लान पर उसे काम करने को कहा गया था उसमें से 18 पर उसका एक्शन संतोषजनक नहीं है। बता दें कि एशिया-पैसिफिक ग्रुप मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, जनसंहार करने वाले हथियारों की खरीद के लिए होने वाली वित्तीय लेन-देन को रोकने वाली एक संस्था है। इस संस्था की रिपोर्ट के आधार पर FATF कार्रवाई करती है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक एशिया-पैसिफिक ग्रुप ने मांग की है कि पाकिस्तान ISIS,अल कायदा, जमात उद दावा, फलह ए इंसानियत फाउंडेशन, लश्कर -ए- तय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क, और तालिबान से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।

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इसके अलावा पाकिस्तान से कहा गया है कि उसकी जांच एजेंसियां मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाएं जिसका असर साफ-साफ दिखे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सितंबर तक ऐसे कदम उठा ले, जब अंतिम फैसले लेने के लिए एफएटीएफ की बैठक होगी. । बता दें कि एशिया पैसिफिक ग्रुप की मीटिंग पिछले महीने चीन के गुआंगझू में हुई थी। यहां पर पाकिस्तान ने FATF के निर्देशों के मुताबिक आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी।गुआंगझू में हुई इस बैठक में भारत के फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के डायरेक्टर जनरल भी मौजूद थे और वे बैठक की सहअध्यक्षता कर रहे थे।बता दें कि इस बैठक में उनकी मौजूदगी का पाकिस्तान ने विरोध किया था।

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बता दें कि एफएटीएफ की अगली बैठक ओरलैंडों में 16 से 21 जून के बीच होने वाली है, यहां पर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। इस बीच पाकिस्तान एक बार फिर से इस मीटिंग में अपने बचाव के लिए जबाब तैयार कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि FATF की ग्रे लिस्ट में पहले से जा चुके पाकिस्तान को इस लिस्ट से बाहर होने के लिए FATF के 36 में से 15 सदस्यों का वोट चाहिए। जबकि ब्लैकलिस्ट होने रोकने के लिए कम से कम 3 सदस्यों का वोट चाहिए।

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ओरलैंडों में होने वाली बैठक में पाकिस्तान पर की जाने वाली कार्रवाई पर भले ही मुहर लग जाए, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा पेरिस में अक्टूबर में होने वाली FATF की बैठक में की जाएगी। ये बैठक 18 से 23 अक्टूबर के बीच होने वाली है. बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद जून 2018 में पाकिस्तान के FATF के ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था।अगर पाकिस्तान को FATF ब्लैकलिस्ट कर देता है तो पाकिस्तान पर इसके गहरे आर्थिक प्रभाव होंगे। इसके बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कर्ज पर भी रोक लग सकती है।

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