Edited By Radhika,Updated: 20 Feb, 2024 01:34 PM
पाकिस्तान वर्तमान में आर्थिक पतन से जूझ रहा है। यह मुद्दा फरवरी 2024 के आम चुनावों के बाद भी गंभीर हो गया है। पाकिस्तान को परेशान करने वाले असंख्य मुद्दों में से सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा चुनावी प्रक्रिया में विश्वास का खतरनाक ह्रास है।
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान वर्तमान में आर्थिक पतन से जूझ रहा है। यह मुद्दा फरवरी 2024 के आम चुनावों के बाद भी गंभीर हो गया है। पाकिस्तान को परेशान करने वाले असंख्य मुद्दों में से सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा चुनावी प्रक्रिया में विश्वास का खतरनाक ह्रास है, जो लोकतंत्र की नींव के लिए गंभीर खतरा है। पाकिस्तान के लोकतांत्रिक संकट के मूल में इसकी जनता के बीच व्यापक मोहभंग है।
पाकिस्तान की पहले से ही नाजुक अर्थव्यवस्था पर विवादित चुनावों का हानिकारक प्रभाव भी उतना ही चिंताजनक है, जो भ्रष्टाचार, राजकोषीय कुप्रबंधन और बड़े पैमाने पर मुद्रास्फीति के कारण पतन के कगार पर है। मुद्रास्फीति 28.3% के आसपास होने, पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट और आयात रुकने के कारण, आम नागरिकों के सामने आने वाली आर्थिक कठिनाइयां काफी ज़्यादा हो गई हैं।
इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र, विशेष रूप से, घटते भंडार, बढ़े हुए सब्सिडी बिल और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) द्वारा किए गए घाटे के बोझ से जूझ रहा है।