इस्राइली सेना के 'मुरीद' हैं PM मोदी, जानें क्या है वजह?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jul, 2017 11:53 AM

pm modi compares indian army to that of israel

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्राइल का दौरा करने वाले पहले भारतीय पीएम बन गए हैं।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्राइल का दौरा करने वाले पहले भारतीय पीएम बन गए हैं। वह इस्राइली सेना के कारनामाें के कितने मुरीद है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल अक्टूबर में उन्हाेंने हिमाचल प्रदेश में हुई एक जनसभा में इस्राइली सेना का विशेष रूप से जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि आज पूरे देश में हमारी सेना के पराक्रम की चर्चा हो रही है। पहले कभी इस्राइल ने ऐसा किया, लेकिन भारतीय सेना ने भी दिखा दिया कि वह किसी से कम नहीं है। इस्राइली सेना ने एेसे कई कारनामे किए, जिस वजह से पूरी दुनिया में उनका दबदबा है। 

अाईए एक नज़र डालते है उन मामलों परः-

1) 16 मई 2014: इस्राइली सेना ने गजा के समुद्री तट पर मिसाइल से स्ट्राइक किया था, जिसमें 4 बच्चों की मौत हुई थी। इस हमले की दुनियाभर में निंदा हुई और  इस्राइली सेना पर इतना दबाव पड़ा कि उन्हें इसकी जांच करानी पड़ी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि सेना ने अनुमान लगाया था कि समुद्री तट पर हमास के लड़ाके जुटे हैं और सेना ने इस गलती के लिए खेद भी जताया था।

2) 8 जुलाई से 26 अगस्त 2014: लगभग 50 दिनों तक इस्राइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के 160 ठिकानों पर हमले किए। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इन हमलों में 2104 फ़लीस्तीनी लोगों की मौत हुई, जिनमें 495 बच्चे और 253 महिलाएं शामिल थीं। दुनिया के कई देशों ने फ़लीस्तीनी आम नागरिकों की मौत पर सवाल उठाए थे। इसके बाद इस्राइली सेना की ओर से कहा गया कि 8 जुलाई और 31 अगस्त के बीच हमास के चरमपंथियों ने 4591 रॉकेट दागे, जिसके जवाब में उन्हें भी रॉकेट लांचरों से हमले करने पड़े।

3) 14 से 21 नवंबर 2012: इस्राइली सेना ने नवंबर 2012 में हुए इस हमले को 'ऑप्रेशन पिलर' का नाम दिया था। इस हमले में गजा पर कई हवाई हमले किए गए थे। मानवाधिकार समूह बीतेस्लेम के मुताबिक, इन हमलों में 167 फ़लस्तीनियों की मौत हुई थी, जिसमें 87 आम नागरिक थे। इसके बाद इस्राइल की और से कहा गया था कि ये दक्षिण इस्राइल में हमास की ओर से किए गए हमलों का जबाव था।

4) 27 दिसंबर से 18 जनवरी 2009: दिसंबर 2008 में इस्राइली सैनिकों ने जमीनी रास्ते से गजा में प्रवेश कर 'ऑप्रेशन कास्ट लीड' को अंजाम दिया। मानवाधिकार संगठन बीतेस्लेम के मुताबिक, इस हमले में 1391 फ़लस्तीनी मारे गए। इस्राइली सेना पर इस अभियान में श्वेत फॉस्पोरस और टैंकों में इस्तेमाल होने वाले गोलों के इस्तेमाल के आरोप लगे थे, जिसकी कड़ी आलोचना हुई थी। हालांकि इस्राइल ने इसे भी हमास के चरमपंथी द्वारा की गई कार्रवाई का जवाब बताया था।

5) 4 जुलाई 1976: इस्राइली सेना के कमांडो ने 'ऑप्रेशन जोनाथान' नामक अभियान में 100 से ज्यादा बंधकों को बचाया था, जिन्हें 27 जून 1974 को चरमपंथियों ने एक यात्री विमान को अगवा करने के बाद बंधक बना रखा था। इन यात्रियाें के बदले इन्हाेंने इस्राइल और 4 अन्य देशों की जेल में बंद 53 चरमपंथियों को रिहा करने की मांग की थी। यूगांडा के राष्ट्रपति ईदी अमीन ने भी चरमपंथियों का साथ दिया और उन्हें हथियार और अपनी सेना के जवान मुहैया कराए। लेकिन इस्राइली सेना ने महज 35 मिनट की कार्रवाई में 7 चरमपंथी और यूगांडा के 20 जवानों को मारकर अपने लोगों को रिहा करवा लिया। 

6) 16 मई 1974: लेबनान की सीमा पर बसे मालेट में 100 से ज्यादा इस्राइली स्कूली छात्रों को बंधक बना लिया गया। इसमें 22 बच्चों सहित कुल 25 लोगों को चरमपंथियों ने मार दिया था। ये लोग इस्राइली जेलों में बंद 23 साथियों को रिहा करने की मांग कर रहे थे। इसके बाद सेना ने स्कूल पर हमला कर तीनों चरमपंथियाें काे मार डाला। इस हमले में 68 लोग घायल हुए थे। इसके बाद इस्राइली वायुसेना ने चरमपंथी कैंपों पर हमला किया, जिसमें 27 से ज्यादा लोगाें की माैत हाे गई थी और 138 लोग घायल हुए थे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!