Edited By shukdev,Updated: 13 Apr, 2018 12:31 AM
सीरिया में कथित रासायनिक हमले के बाद जहां अमरीका ने मिसाइल हमलों की चेतावनी दी है तो रूस ने भी जवाबी कार्रवाई की बात कही है। वहीं इंग्लैंड ने भी अमरीका और फ्रांस का साथ देने की तैयारी शुरु कर दी है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने गुरुवार को...
लंदन : सीरिया में कथित रासायनिक हमले के बाद जहां अमरीका ने मिसाइल हमलों की चेतावनी दी है तो रूस ने भी जवाबी कार्रवाई की बात कही है। वहीं इंग्लैंड ने भी अमरीका और फ्रांस का साथ देने की तैयारी शुरु कर दी है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने गुरुवार को वरिष्ठ मंत्रियों के साथ एक विशेष मंत्रिमंडल बैठक की तथा संभावित सैन्य तैयारियों को लेकर चर्चा की। रूस ने बुधवार को सीरिया में कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी जिसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि सीरिया के विरुद्ध जल्द ही सैन्य कार्रवाई होगी लेकिन इतनी जल्दी भी नहीं होगी।
दरअसल रूस और ईरान सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन करते हैं। रूस ने असद के विरुद्ध हमलों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सीरियाई राजधानी दमिश्क के निकट डोउमा मेें रासायनिक हमले का कोई सबूत नहीं है। ब्रेक्सिट मंत्री डेविड डेविस ने कहा कि सीरिया में स्थिति भयावह है, रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल दुनिया को रोकने के लिए है। लेकिन यह बहुत ही बहुत ही नाजुक परिस्थिति है और हमें यह निर्णय बहुत सावधानीपूर्वक तथा बहुत अच्छी तरह सोच विचार के बाद ही करना है।
डोउमा में हुआ रासायनिक हमला मार्च 2011 में असद विद्रोह के रूप में शुरू हुए सीरियाई गृहयुद्ध की अस्थिर प्रकृति को दर्शाता है। इसको लेकर तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन अब कई विश्व और क्षेत्रीय शक्तियों तथा आतंकवादी समूहों के छद्म युद्ध में बदल चुका है। इस रासायनिक हमले को पहली बार सीरिया के विद्रोही समूह जैश अल-इस्लाम ने गत शनिवार को उजागर किया था। वैश्विक रासायनिक हथियारों की निगरानी करने वाले तथा रासायनिक हथियारों के निषेध के लिए संगठन इस घटना की जांच करने वाले हैं।