अमेरिकी नेता का वैसाखी से पहले संदेश- एकजुटता सिखाता है सिख धर्म

Edited By Tanuja,Updated: 11 Apr, 2024 12:33 PM

sikhism teaches human beings interconnected as family us congressman

अमेरिकी के न्यूयॉर्क के एक प्रभावशाली नेता ने वैसाखी से पहले अमेरिकी संसद में कहा कि सिख धर्म सिखाता है कि सभी मनुष्य एक परिवार के रूप में...

वाशिंगटन: अमेरिकी के न्यूयॉर्क के एक प्रभावशाली नेता ने वैसाखी से पहले अमेरिकी संसद में कहा कि सिख धर्म सिखाता है कि सभी मनुष्य एक परिवार के रूप में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। टॉम सुओजी ने मंगलवार को कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में खालसा समुदाय की स्थापना की, जिसका एकमात्र उद्देश्य सभी व्यक्तिय़ों की गरिमा को बनाए रखना और मानवाधिकारों की रक्षा करना है चाहे उनकी राष्ट्रीयता, जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो। उन्होंने कहा, ''सिख धर्म सिखाता है कि सभी मनुष्य परिवार के रूप में एक-दूसरे से जुड़े हुए है और इसका निर्माता एक ही है जो सभी के अंदर रहता है।

 

325वें खालसा पंथ स्थापना दिवस के अवसर पर 13 अप्रैल को वैसाखी का त्योहार मनाया जाएगा। सुओजी ने सदन में कहा, ''अध्यक्ष महोदय, मैं 13 अप्रैल 2024 को वैसाखी की 325वीं वर्षगांठ मनाने के लिए यहां उपस्थित हुआ हूं और गुरु गोबिंद सिंह जी की विरासत ने स्वतंत्रता, समानता और धार्मिक स्वतंत्रता सहित उन मूल्यों को महत्व दिया, आगे बढ़ाया जिन्हें हम अमेरिकी मानते हैं।" उन्होंने कहा कि सिख धर्म यह भी सिखाता है कि प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा होती है और वह सम्मान और करुणा का पात्र है। कांग्रेस सदस्य सुओजी ने कहा, "गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखाया कि अराधना का सर्वोच्च रूप मानवता से प्यार करना और उसकी देखभाल करना है। इसी कारण से, खालसा समुदाय बिना किसी भेदभाव के भगवान की रचना की परवाह करता है।"

 

उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने बहुलवाद और अंतरात्मा की स्वतंत्रता में अपने विश्वास की शिक्षा दी। सुओजी ने कहा "उनके पिता, गुरु तेग बहादुर जी भी उन्हीं सिद्धांतों का पालन करते थे । यहां तक कि उन्हें फांसी भी दे दी गई थी क्योंकि उन्होंने सरकार द्वारा पवित्र धागे ‘जनेऊ' को जबरन हटाने का विरोध किया था। हालांकि एक सिख के रूप में, गुरु तेग बहादुर जी खुद जनेऊ पहनने में विश्वास नहीं करते थे।

 

उन्होंने हिंदुओं के इसे पहनने के अधिकार के लिए आवाज उठाई थी।'' सुओजी के अनुसार, उन्हें इसलिए फांसी दे दी गई क्योंकि उन्होंने अपने समय की असहिष्णु राजशाही द्वारा आदेश दिए जाने के बावजूद, अपने सिद्धांत को त्यागने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते थे और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देते थे। सुओज़ी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने न केवल गुरुद्वारे बनवाए, बल्कि उन्होंने मस्जिद और मंदिर भी बनवाए। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों के भी प्रमुख पैरोकार थे।  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!