Edited By ,Updated: 07 Jan, 2017 05:52 PM
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के गवर्नर ने प्रांतीय असैंबली से पारित उस विधेयक को आज लौटा दिया जिसमें जबरन धर्मांतरण को अपराध करार दिया गया है...
कराची : पाकिस्तान के सिंध प्रांत के गवर्नर ने प्रांतीय असैंबली से पारित उस विधेयक को आज लौटा दिया जिसमें जबरन धर्मांतरण को अपराध करार दिया गया है। बीमार चल रहे गवर्नर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सईदुज्जमां सिद्दीकी ने आपराधिक कानून (अल्पसंख्यकों का संरक्षण) विधेयक को लौटा दिया, हालांकि इसकी कोई वजह नहीं बताई ।
इस विधेयक को वापस लौटाते हुए सिद्दीकी ने सिंध असैंबली के सचिवालय को इस विधेयक पर फिर से विचार करने को लिखा है। गर्वनर ने असैंबली से कहा कि वह ‘काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियॉलजी’ (सी.आई.आई.), एम.क्यू.एम. नेता सरदार अहमद की आेर से लिखे गए पत्रों और धार्मिक पार्टियों की आेर से जताए गए विरोध का संज्ञान ले जिनमें या तो विधेयक को वापस लेने या उसमें प्रस्तावित संशोधन करने की मांग की गई है।
सिंध असैंबली के सचिव जी उमर फारूक ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें गवर्नर के संदेश के साथ विधेयक मिला है। ‘पाकिस्तान हिंदू काउंसिल’ ने पहले ही चिंता जताई थी कि अगर इस विधेयक को संशोधित किया गया या रद्द किया गया तो इससे गैर मुस्लिमों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी।