जापानी अधिकारियों के यासुकुनी सैन्य मंदिर का किया दौरा, द.कोरिया ने जताया विरोध

Edited By Tanuja,Updated: 21 Apr, 2024 04:37 PM

south korea protests japanese leaders  offerings to yasukuni shrine

दक्षिण कोरिया ने जापानी अधिकारियों के जापानी सैन्यवाद के युग से जुड़े यासुकुनी मंदिर के दौरे पर जापान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। दक्षिण कोरियाई...

सियोलः दक्षिण कोरिया ने जापानी अधिकारियों के जापानी सैन्यवाद के युग से जुड़े यासुकुनी मंदिर के दौरे पर जापान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। यासुकुनी वह स्थान है, जहां द्वितीय विश्व युद्ध के युद्ध अपराधियों सहित जापान की सुरक्षा में मारे गये लोगों को याद किया जाता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दक्षिण कोरियाई सरकार इस तथ्य पर गहरी निराशा और खेद व्यक्त करती है कि वरिष्ठ जापानी अधिकारी फिर से यासुकुनी मंदिर में भेंट भेज रहे हैं और वहां दर्शन के लिए जा रहे हैं, जो जापान की पिछली सैन्य आक्रामकता का महिमामंडन करता है और युद्ध अपराधियों को एकजुट करता है।''

 

दक्षिण कोरियाई सरकार ने जापानी अधिकारियों से सोल के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाये रखने के लिए ‘इतिहास के वर्तमान महत्व को समझने' और अपने कार्यों से जापान के अतीत पर ‘ईमानदार और विनम्र प्रतिबिंब' प्रदर्शित करने का आह्वान किया है। इससे पहले दिन में, जापानी मीडिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने यासुकुनी मंदिर के लिए एक भेंट भेजी थी और जापान के क्षेत्रीय पुनरोद्धार मंत्री योशिताका शिंदो ने व्यक्तिगत रूप से मंदिर का दौरा किया था।

 

जापान के प्रधानमंत्रियों ने वर्ष 2013 के बाद से इस मंदिर में जाने करने से परहेज किया है। श्री शिंजो आबे व्यक्तिगत रूप से इस मंदिर का दौरा करने वाले जापान के अंतिम प्रधानमंत्री थे, क्योंकि दिसंबर 2013 में उनकी यात्रा के कारण चीन और दक्षिण कोरिया की ओर से एक मजबूत नकारात्मक प्रतिक्रिया हुई। साथ ही अमेरिका के साथ संबंधों में खटास आयी। जापान के प्रधानमंत्रियों ने तब से केवल मंदिर में भेंट भेजी हैं।  

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