अमरीका और पश्चिमी देशों में टकराव की स्थिति ,  जी-7 सम्मेलन छो़ड़ चले गए ट्रंप

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2018 10:11 AM

trump withdraws endorsement of g 7

अमरीका अपनी नीतियों और गलत फैसलों के कारण अलग-थलग  पड़ता जा रहा है। इनमें ईरान परमाणु समझौत से बाहर होना व वैश्विक व्यापार नियमों समेत कई मसले शामिल हैं...

मालबेईः अमरीका अपनी नीतियों और गलत फैसलों के कारण अलग-थलग  पड़ता जा रहा है। इनमें ईरान परमाणु समझौत से बाहर होना व वैश्विक व्यापार नियमों समेत कई मसले शामिल हैं।  अपनी एकल चलो नीति के के चलते ही शुक्रवार को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समय से पहले जी-7 सम्मेलन छो़ड़ दिया। वह कनाडा से वापस अमरीका चले गए हैं। व्यापार नियमों, पर्यावरण, ईरान और रूस के जी-7 में पुन: प्रवेश के मुद्दों पर शुरुआती बैठक में ही अमेरिका और जी-7 के बाकी देशों के बीच गंभीर मतभेद पैदा हो गए।

ट्रंप इन मुद्दों पर साथी देशों को सहमत नहीं कर सके। पर्यावरण और ईरान पर प्रतिबंधों के मुद्दों पर यूरोपीय देशों ने अमरीका को विरोध करने की चेतावनी भी दे दी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वैश्विक व्यापार नियमों से छेड़छाड़ करने से अमरीका और पश्चिमी देशों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। इसके चलते शनिवार को जी-7 देशों के संपन्न हो रहे सम्मेलन में संयुक्त बयान को लेकर असमंजस पैदा हो गया।

सम्मेलन के मेजबान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूरोपीय और जापानी नेताओं के साथ अमरीका द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर लगाए गए अवैध शुल्क पर चर्चा की। सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मजबूती से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, व्यापार एक मुश्किल रास्ता है। यह ऐसा रास्ता है जिससे सभी का विकास जुड़ा है। इसलिए इसमें सहमति बनाई जानी चाहिए। संयुक्त बैठक के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमारे बीच असहमति हो सकती है लेकिन वह ऐसी नहीं है जिसे गरम बहस कहा जाए। सम्मेलन से इतर जी-7 में शामिल यूरोपीय देशों के नेता शुक्रवार को ला मालबेई शहर के गोल्फ रिसॉर्ट में अलग से भी मिले थे और उन्होंने अपनी चिंताओं और अपेक्षाओं को साझा किया।

उन्होंने ट्रंप के व्यापार, पर्यावरण, ईरान और रूस को लेकर रख पर विरोध जताया। सम्मेलन के अंतिम दौर में नेता जब हल्की-फुल्की मजाक और मनोरंजन के बीच डिनर का आनंद ले रहे थे, उस समय अधिकारी संयुक्त बयान तैयार करने के लिए मशक्कत कर रहे थे। क्योंकि दुनिया के सामने जी-7 की एकजुटता और सहमति दिखाने का भी सवाल था।जी-7 में शामिल  दुनिया के शक्तिशाली और संपन्न देशों के इस समूह में अमरीका के अतिरिक्त ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और जापान हैं। रूस, चीन और भारत फिलहाल इससे बाहर हैं। ट्रंप के प्रस्ताव पर रूस ने पानी फेरा सम्मेलन से बाहर निकलकर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, रूस का जी-7 में फिर से शामिल होना सभी के लिए अच्छा होगा।

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