अमेरिकी रिपोर्ट ने फिर खोली पोल-पाकिस्तान में मानवाधिकारों का हनन चरम पर

Edited By Tanuja,Updated: 14 Apr, 2021 11:09 AM

us report reveals poll human rights abuses in pakistan to peak

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट ने एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोली है। रिपोर्ट के अनुसार लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों की हालत बहुत ही चिंताजनक है...

पेशावरः अमेरिका के विदेश मंत्रालय  की रिपोर्ट ने एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोली है। रिपोर्ट के अनुसार लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों की हालत बहुत ही चिंताजनक है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की हाल में जारी की गई रिपोर्ट में इसका सिलसिलेवार कच्चा चिट्ठा खोला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में हमेशा हिंसा का खतरा बना रहता है। यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी हालत खराब है। यहां गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तारी की घटनाएं बढ़ रही हैं। पत्रकारों पर झूठे मुकद्दमे दर्ज किए जाते हैं और इंटरनेट मीडिया पर भी सेंसरशिप बढ़ रही है। महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं।

 

देश में अधिकारियों में भ्रष्टाचार बढ़ने के साथ ही जांच के नाम पर हिरासत में मौत की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। पाकिस्तान मानव तस्करी के मामले में भी आगे है। इसका सीधा प्रभाव महिलाओं पर पड़ रहा है। अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर देश के हर हिस्से में हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे मामलों में सरकारी तंत्र भी अल्पसंख्यकों की मदद नहीं करता है। भीड़ की हिंसा के मामले बहुत ही कम मामले दर्ज किए जाते हैं। इनके शिकार ज्यादातर हिंदू, ईसाई, अहमदी और शिया होते हैं। उनके धर्मस्थलों पर हमला आम बात है।

 

इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्रालय  द्वारा मानवाधिकारों पर प्रकाशित  200 देशों की रिपोर्ट में भी हैरानी जनक तथ्य पेश किए थे । इस रिपोर्ट के अनुसार मानवाधिकारों के हनन को लेकर इन 200 देशों में से सबसे ज्यादा गंभीर हालत चीन, पाकिस्तान और रूस की है।   रिपोर्ट में पाकिस्तान में मानवाधिकारों की खराब स्थिति को विस्तार से बताया गया है  कि किस तरह पाकिस्तान में गैरकानूनी और मनमाने तरीके से पश्तून, सिंधी, बलूच और अल्पसंख्यकों का अपहरण और हत्याएं की जा रही हैं।

 

रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि ऐसे मामलों में पाकिस्तान सरकार अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं मानती है और अपराधियों  को सजा भी नहीं दी जा रही है। हिंसा में विदेशी आतंकवादियों का भी हाथ है। पश्तून, सिंधी, बलूच समुदाय के लोग लंबे समय से गायब हैं। प्रेस की स्वतंत्रता सीमित है और पत्रकारों को धमकियां दी जाती हैं । इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिका के मानवाधिकार कमिश्नर जॉनी मूर ने पाकिस्तान में महिला दिवस पर औरत मार्च निकालने पर पुलिस और अदालत के द्वारा ईशनिंदा कानून के तहत कार्रवाई को गलत बताया है। अमेरिका ने कहा है कि इस कार्रवाई को वापस लिया जाए।

 

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