Edited By Tanuja,Updated: 24 Apr, 2022 05:46 PM
अमेरिका ने चेतावनी दी कि अगर बीजिंग वहां कोई सैन्य उपस्थिति बनाए रखता है तो अमेरिका इसका जवाब देगा। दरअसल, चीन और सोलोमन द्वीप समूह ने सुरक्षा सहयोग पर एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत चीन दक्षिण प्रशांत द्वीपसमूह के पड़ोसी देश में...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अपनी यह चिंता व्यक्त करने के लिए सोलोमन द्वीप समूह पहुंचा कि चीन दक्षिण प्रशांत स्थित इस देश में सैन्य बल भेज सकता है और क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। यह यात्रा चीन और सोलोमन द्वीप समूह द्वारा इसकी पुष्टि किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है कि उन्होंने एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस घटनाक्रम ने पड़ोसी देशों और पश्चिमी देशों को चिंतित कर दिया है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर्ट कैंपबेल कर रहे हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद हिंद-प्रशांत समन्वयक और पूर्वी एशियाई एवं प्रशांत मामलों के सहायक विदेश मंत्री डैनियल क्रिटेनब्रिंक कर रहे हैं। अमेरिका ने चेतावनी दी कि अगर बीजिंग वहां कोई सैन्य उपस्थिति बनाए रखता है तो अमेरिका इसका कड़ा जवाब देगा। दरअसल, चीन और सोलोमन द्वीप समूह ने सुरक्षा सहयोग पर एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके तहत चीन दक्षिण प्रशांत द्वीपसमूह के पड़ोसी देश में सैन्य अड्डा स्थापित कर सकता है।इसे लेकर 22 अप्रैल को एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने होनियारा, सोलोमन द्वीप समूह का दौरा किया। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मनश्शे सोगावरे के साथ उनके मंत्रिमंडल के दो दर्जन सदस्यों और वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ 90 मिनट तक मुलाकात की। सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री सोगावरे के साथ बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने यात्रा की प्रमुख प्राथमिकताओं को दोहराया और यह भी बताया कि वाशिंगटन सोलोमन द्वीप के लोगों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाएगा।