Edited By shukdev,Updated: 22 Jul, 2019 06:14 PM
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों जैसी घटनाओं से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं है, लिहाजा आतंकवाद को रोकने के लिए नए कानून बनाए ....
कोलंबो: श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों जैसी घटनाओं से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं है, लिहाजा आतंकवाद को रोकने के लिए नए कानून बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिदायीन हमले के बाद सबको डर था कि देश बर्बाद हो जाएगा। श्रीलंका में 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों और होटलों समेत अन्य स्थानों पर आठ बम धमाके हुए थे, जिसमें भारतीयों समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी।
विक्रमसिंघे के हवाले से ‘कोलंबोपेज' ने कहा, ‘लोगों में काफी खौफ था। इसलिए हमने फैसला किया कि पुलिस पहले सभी आतंकवादियों को पकड़े तथा उन पर मुकदमा चलाया जाए। दूसरे, हमें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लाने की जरूरत है ताकि यह फिर नहीं हों।' 97वें अंतरराष्ट्रीय सहयोग दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादी हमले से संबंधित सभी जिंदा आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें वे भी शामिल हैं जो विदेश में रह रहे थे।
पुलिस ने इन हमलों के लिए स्थानीय जिहादी समूह को जिम्मेदार ठहराया है। विक्रमसिंघे ने कहा कि पुलिस ने ‘नेशनल तौहीद जमात' की मदद करने के सिलसिले में करीब 200 संदिग्धों को पकड़ा है। जमात ही ये धमाके करने का कसूरवार है। उन्होंने कहा, ‘ अब तक हमने लिट्टे के आतंकवाद का सामना किया है, लेकिन यह अलग है। ईस्टर हमले से संबंधित समूह को पकड़ने से इस तरह का आतंकवाद खत्म नहीं होगा। हम लिट्टे के आतंकवाद को देखकर आईएसआईएस के आतंकवाद का सामना नहीं कर सकते हैं। हमें नई रणनीति के बारे में सोचने की जरूरत है। नए कानूनों की जरूरत है और इन कानूनों को बदलने की जरूरत है।' हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।