WUC अध्यक्ष डोलकुन ने उइगर नरसंहार पर खोली चीन की पोल, जिनपिंग के खतरनाक इरादे किए उजागर (Video)

Edited By Tanuja,Updated: 27 Jan, 2022 12:49 PM

wuc president dolkun exposes china on uighur genocide

शीतकालीन ओलंपिक की शुरुआत की ठीक पहले कोरोना महामाही और उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार मुद्दे पर विश्व उइगर सम्मेलन

बीजिंगः शीतकालीन ओलंपिक की शुरुआत से ठीक पहले कोरोना महामारी और उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार मुद्दे पर विश्व उइगर सम्मेलन (WUC ) के अध्यक्ष डोलकुन ईसा ने चीन की पोल खोली है।  डोलकुन ईसा ने पूर्वी तुर्किस्तान में चीन के मानवाधिकारों के हनन, 2022 बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अंतरराष्ट्रीय निकायों के हेरफेर पर खुल कर बात की। डोलकुन ईसा ने  ग्लोबल ऑर्डर के ईशान धर के साथ हुई इस इंटरव्यू में  बताया कि चीन का शुरू से ही दोहरा चरित्र रहा है। उन्होंने कहा कि चीन 1949 के बाद से अंतर्राष्ट्रीय नियमों को ताक पर रख कर  निजी स्वार्थ के लिए अपने हिसाब से रणनीतियां बनाता रहा है। लेकिन 2014 में शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनने के बाद चीन ने उइगर मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ गए हैं।

 

उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग सरकार के खतरनाक इरादे सामने आने पर अब विश्व मीडिया ने अब खुलकर चीन के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया है।  डोलकुन ईसा ने मुस्लिमों का ठेकेदार बनने वाला पाकिस्तान भले ही चीन की जी हुजूरी कर ले, मगर हकीकत यही है कि ड्रैगन उइगर मुसलमानों को देखना ही नहीं चाहता। चीन शिनजियांग प्रांत के नजरबंदी शिविरों में उइगर मुस्लिमों के साथ भयानक व्यवहार कर रहा है और उस पर जुल्म ढा रहा है। उन्होंने कहा कि  शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली सरकार उइगरों पर अत्याचार कर रही है। चीन के खिलाफ ताजा और पुख्ता सबूत सामने आए हैं, जो उइगर मुसलमानों की निगरानी, डर और उत्पीड़न को दर्शाता है।  डोलकुन ईसा ने कहा कि चीन के उइगर मुसलमानों के प्रति रवैये को लेकर पूरी दुनिया खफा है ।

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उन्होंने कहा कि उइगर मुसलमानों के नरसंहार के खिलाफ  दुनिया को  एकजुट होकर चीन की  खिलाफत करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ पाकिस्तान के जरिए आंतकवाद को बढ़ावा देने, हांगकांग में दखल, ताइवाव व तिब्बत पर जबरन दावों को लेकर भी बात की । उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग के इरादे बेहद खतरनाक हैं और  दुनिया पर कब्जा करने का सपना पूरा करने के लिए वो किसी भी हद जा सकते हैं । उन्होंने कहा कि चीन की  अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों के प्रति अपनाई जा रही कठोर नीतियां व दोहरी रणनीतियां  इसका स्पष्ट उदाहरण हैं ।​

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उन्होंने यह भी कहा कि चीन को  बेशक फारस की  खाड़ी के देशों से उइगर मुसलमानों के साथ व्यवहार सहित कई मुद्दों पर समर्थन प्राप्त हुआ है लेकिन  उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन पर अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा सहित कई देश बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं। इस मुद्दे पर चीन के खिलाफ जर्मन, फ्रांस, के अलावा कई यूरोपीय  एशियाई और पश्चिमी देशों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। 

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बता दें कि सालों से चीन उइगर समुदाय के खिलाफ जनसंहार के आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका  है और। चीन का कहना है कि शिनजियांग में इस्लामी उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए नजरबंदी शिविर, जिसे सरकार पुनर्शिक्षा शिविर कहती है, स्थापित किए गए हैं। हालांकि, कई मानवाधिकार समूहों ने दावा किया है कि चीन उइगरों को सामूहिक नजरबंदी  शिविरों में भेज रहा है, उनकी धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप कर रहा है, समुदाय की महिलाओं की नसबंदी कर रहा है और उन पर अत्याचार कर रहा है। इस साल संयुक्त राज्य अमेरिका शिनजियांग में चीन के करतूतों को "नरसंहार" घोषित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है ।

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