राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 9 महीने से नहींं छोड़ा चीन, सता रहा इस बात का डर !

Edited By Tanuja,Updated: 08 Oct, 2021 03:14 PM

xi jinping has not traveled abroad since coronavirus hit

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले 9 माह से विदेशी यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। कोरोना वायरस को अस्तित्व में आए दो साल होने वाले हैं और इसके ...

बीजिंगः चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले 9 माह से विदेशी यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। कोरोना वायरस को अस्तित्व में आए दो साल होने वाले हैं और इसके बाद से ही जिनपिंग चीन से बाहर नहीं गए हैं। रिपोर्ट्स कह रही हैं कि उन्हें एक डर अंदर ही अंदर खाए जा रहा है जिसकारण वे देश छोड़ कर कहीं नहीं जाना चाहते। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसी कौन सी बात है जो शी के लिए खौफ बनी हुई है।

 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जानकारों की मानें तो शी को अपने ही देश में बगावत और तख्‍तापलट का डर सता रहा है। दरअसल शी जिनपिंग ने साल 2019 में कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद देश से बाहर जाना बंद कर दिया। उनकी आखिरी विदेशी यात्रा 17-18 जनवरी 2020 में म्यांमार की थी। चीन और भारत का पड़ोसी मुल्क म्यांमार फरवरी से ही सैन्य सरकार की गिरफ्त में है। म्यांमार यात्रा के कुछ दिन बाद जिनपिंग सरकार ने कोरोना महामारी को स्वीकार किया और हुबेई प्रांत को पूरी तरह बंद कर दिया। जानकारों का कहना है कि  चीन में 'एक-व्यक्ति शासन' युग की वापसी के बावजूद शी जिनपिंग न ही 'सर्वशक्तिमान' हैं और न ही 'अजेय'। इसका कारण उनके घर के भीतर मौजूद दुश्मनों की संख्या है।

 

जिनपिंग ने एक साल 9 महीने से चीन से बाहर कदम नहीं रखा है। वह रोम जी-20 समिट में भी हिस्सा नहीं लेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शी जिनपिंग के साथ व्यक्तिगत रूप से द्विपक्षीय वार्ता करना चाहते थे लेकिन जिनपिंग ने ऑनलाइन मीटिंग के लिए सहमति जताई है। सवाल ये उठते हैं कि क्या जिनपिंग को चीन से बाहर जाने में तख्तापलट का डर सता रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के बाहर चीन के हालात भी उथल-पुथल से भरे हुए हैं। सरकार जैक मा जैसे देश के बड़े बिजनस टाइकून्स पर धड़ल्ले से कार्रवाई कर रही है जिससे देश की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर प्रभावित हो रही है। रिपोर्ट्स का दावा है कि सरकार नहीं चाहती कि देश के अरबपति एक बड़ी ताकत के रूप में उभरकर सामने आए जिनका राजनीति में भी दखल हो।

 

अक्टूबर में अपनी आर्थिक योजनाओं पर एक प्रमुख भाषण में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्वीकार किया कि देश का विकास असंतुलित है और कहा कि साझा समृद्धि अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कोरोना वायरस  को लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में तो चीन के खिलाफ जांच की भी मांग की । इससे चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को काफी नुकसान पहुंचा था। माना जा रहा है कि  अपनी खराब छवि के साथ जिनपिंग दूसरे देशों में जाने से डर रहे हैं । भारत के रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने एक ट्वीट कर कहा कि कुछ रिपोर्ट्स चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर सत्ता के संघर्ष को लेकर दावा कर रही हैं।
 
 

 

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