Edited By kirti,Updated: 01 May, 2018 09:33 AM
जम्मू-कश्मीर नैशनल पैंथर्स पार्टी (जे.के.पी.पी.) के मुख्य संरक्षक प्रो. भीम सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर राज्य मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में 6 कैबिनेट मंत्री और 2 राज्य मंत्री को शामिल किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बड़ा हास्यास्पद है कि...
जम्मू : जम्मू-कश्मीर नैशनल पैंथर्स पार्टी (जे.के.पी.पी.) के मुख्य संरक्षक प्रो. भीम सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर राज्य मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में 6 कैबिनेट मंत्री और 2 राज्य मंत्री को शामिल किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बड़ा हास्यास्पद है कि जम्मू के उप-मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया और उनकी जगह एक अमीर विधायक एवं विधानसभा स्पीकर को बैठा दिया गया।
कब तक जम्मू के लोग राजनीतिक अपमान सहन करते रहेंगे?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के उप-मुख्यमंत्री को जबरन हटाने पर प्रो. भीम सिंह ने कहा कि कब तक राज्य के लोग विशेष तौर पर जम्मू के लोग राजनीतिक अपमान सहन करते रहेंगे? पैंथर्स सुप्रीमो ने कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर की आंतरिक स्थिति को समझते हैं, वे मौजूदा सरकार की अगुवाई में राज्य की स्थिति से अच्छी तरह परिचित हैं, जो एक आग के गोले का रूप धारण करती जा रही है।
न्याय प्रदान करने की प्रणाली पूरी तरह विफल हो चुकी
राज्य में बंदूक का शासन और अराजकता का माहौल है, जिसमें न्याय प्रदान करने की प्रणाली पूरी तरह विफल हो चुकी है और कोई राजनीतिक मरहम रखने वाला नहीं है। उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार में नंबर-2 का दर्जा रखने वाले जाने-माने प्रोफैसर को स्पीकर का पद स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। क्या उन्हें इस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए?
जम्मू विश्वविद्यालय में इतिहास पढ़ाना चाहिए?
इस प्रश्न का उत्तर तो स्वयं भूतपूर्व उप-मुख्यमंत्री ही दे सकते हैं कि वे विधानसभा में चुप्पी बनाए रखने में सक्षम हैं या उन्हें जम्मू विश्वविद्यालय में इतिहास पढ़ाना चाहिए? पैंथर्स सुप्रीमो का कहना था कि उन्होंने इस मामले में पूर्व उप-मुख्यमंत्री से बातचीत कर इस षड्यंत्र को समझने और इस प्रस्ताव को स्वीकार न करने का सुझाव दिया है। प्रो. भीम सिंह ने सत्तारूढ़ दलों सहित सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील की कि उन्हें प्रजातंत्र के हित में डूबती विधानसभा को भंग करने की मांग करनी चाहिए।
राज्य में कानून का शासन होना चाहिए
उन्होंने कहा कि राज्य की सभी मौजूदा समस्याओं का एकमात्र समाधान राज्य संविधान की धारा-92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लगाना है, जिससे राज्य के लोगों को तबाही व विध्वंस से बचाया जा सके। प्रो. भीम ने कहा कि राज्य में कानून का शासन होना चाहिए, जो मौजूदा गठबंधन सरकार के नेतृत्व में सम्भव नहीं है।