आतंकवाद से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या घटी, पाकिस्तान से घुसपैठ के प्रयास जारी

Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Feb, 2020 07:17 PM

number of youth joining terrorism infiltration efforts continue from pakistan

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद आतंकवादी संगठनों से जुड़ने वाले नौजवानों की संख्या घटी है लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए घुसपैठ के प्रयासों में बहुत बदलाव नहीं आया है। सुरक्षा...

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद आतंकवादी संगठनों से जुड़ने वाले नौजवानों की संख्या घटी है लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए घुसपैठ के प्रयासों में बहुत बदलाव नहीं आया है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार एक आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक, पांच अगस्त 2019 से 26 जनवरी 2020 के बीच केवल 28 युवक आतंकवादी संगठनों से जुड़े। इस तरह, एक जनवरी 2019 से चार अगस्त 2019 के बीच जुड़ने वाले युवाओं की तुलना में 60 प्रतिशत की गिरावट आयी। इस दरम्यान 105 युवा आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे।

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2019 में 35 प्रतिशत की गिरावट
इनमें अधिकतर युवा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के थे। दस्तावेज के मुताबिक, पिछले साल पांच अगस्त तक हर महीने औसतन 15 युवक आतंकवादी समूहों से जुड़ रहे थे लेकिन इसके बाद हर महीने 5.6 युवा ही जुड़े। केंद्र ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। दस्तावेज के मुताबिक, वर्ष 2018 की तुलना में आतंकी संगठनों में नयी भर्ती में 2019 में 35 प्रतिशत की गिरावट आयी। वर्ष 2019 में 135 युवा आतंकवादियों के साथ जुड़े थे, वहीं 2018 में 199 युवकों ने हथियार उठा लिया था।

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133 आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसने में रहे कामयाब
घुसपैठ के मोर्चे पर पाकिस्तान द्वारा घाटी में आतंकवादियों को घुसाने का प्रयास जारी रहा और 133 आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसने में कामयाब रहे। दस्तावेज के मुताबिक, पिछले साल 211 आतंकवादियों ने केंद्र शासित प्रदेश में घुसपैठ का प्रयास किया लेकिन उनमें से 74 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लौटना पड़ा जबकि घुसपैठ रोधी अभियान में चार अन्य को मार गिराया गया। पिछले साल पुलवामा में आतंकी हमले के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि नव सृजित केंद्र शासित प्रदेश में 2019 में स्थिति बेहतर हुई है।

 

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