Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Feb, 2020 04:27 PM
जम्मू-कश्मीर में पंचायतों के उप-चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है, जो आगामी माह के दौरान 8 चरणों में करवाए जाएंगे। वहीं इन चुनावों को कई प्रकार से विशेष महत्व प्राप्त रहेगा, क्योंकि धारा-370 की समाप्ति और फिर राज्य का अलग दर्जा समाप्त करने के...
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में पंचायतों के उप-चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है, जो आगामी माह के दौरान 8 चरणों में करवाए जाएंगे। वहीं इन चुनावों को कई प्रकार से विशेष महत्व प्राप्त रहेगा, क्योंकि धारा-370 की समाप्ति और फिर राज्य का अलग दर्जा समाप्त करने के उपरांत इसे 2 अलग-अलग केंद्र शासित राज्य बनाया गया है। यह पहली बड़ी लोकतांत्रिक कसरत होगी। राज्य प्रशासन ने उक्त उप-चुनाव कराने की पहली प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार कुल 12,650 क्षेत्रों में यह उप-चुनाव करवाए जाएंगे, जिनमें 1011 सरपंच और 11,639 पंच क्षेत्र होंगे। घाटी में सरपंच चुनाव 887 सीटों तथा 124 पर जम्मू में होगा। इसी प्रकार 11,457 पंचायत वार्ड घाटी में और 182 जम्मू में आते हैं। पंचायतों का चुनाव जम्मू-कश्मीर में एक लंबे समय के बाद नवम्बर-दिसम्बर 2018 में करवाए गए थे, परंतु उग्रवादियों के दबाव और मुख्यधारा की क्षेत्रीय बड़े संगठनों के बहिष्कार के कारण इन क्षेत्रों में कोई प्रत्याशी आगे नहीं आया था, इसलिए यह खाली चले आ रहे थे।
चुनाव की घोषणा के बाद भी अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि चुनाव का बहिष्कार करने वाली नैशनल कांफ्रैंस, पी.डी.पी. एवं कुछ अन्य क्षेत्र संगठन इन चुनावों में भाग लेंगे या नहीं। यद्यपि ये उप-चुनाव पार्टी लाइनों पर करवाने की घोषणा की गई है, जबकि 2018 में यह चुनाव गैर पार्टी लाइनों पर हुए थे।
वहीं यह माना जा रहा है कि अब की बार बहिष्कार का कोई बड़ा प्रभाव नहीं रहेगा, क्योंकि एक ओर उग्रवादियों का दबाव पहले से कहीं कम होकर रह गया है, वहीं बहिष्कार करने वाले संगठनों के कई बड़े नेता नजरबंद किए गए हैं। अपितु इन चुनावों में कुछ नए संगठन या ग्रुप मैदान में आ सकते हैं, जिसके लिए पर्दे के पीछे अच्छी खासी कसरत शुरू हो चुकी है।