Edited By Monika Jamwal,Updated: 10 Oct, 2020 03:15 PM
काले जीरे की खेतीको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आवश्यक कदम उठाए हैं। जम्मू कश्मीर के पंपोर में इसके लिए रिसर्च सेंटर भी स्थापित किया गया है। काले जीरे को आमतौर पर शाही जीरे के नाम से भी जाना जाता है।
श्रीनगर: काले जीरे की खेतीको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आवश्यक कदम उठाए हैं। जम्मू कश्मीर के पंपोर में इसके लिए रिसर्च सेंटर भी स्थापित किया गया है। काले जीरे को आमतौर पर शाही जीरे के नाम से भी जाना जाता है। कश्मीरी पकवानों में इसका काफी महत्व रहता है। कई डिशेज में इसे स्वाद बढ़ाने हेतु प्रयोग किया जाता है। घाटी में कुछ ही जगहों पर इसकी खेती होती है।
किसान गुलाम नबी नेबात करते हुये बताया कि इससे पहले काला जीरा सिर्फ गुरेज में ही लगाया जाता था पर अब इसे पंपोर में भी उगाया जा रहा है। नबी ने कहा, काला जीरा सबसे बढ़िया मसाला है। जम्मू कश्मीर में यह सिर्फ गुरेज के जंगलों में मिलता था परन्तु रिसर्च सेंटर की मदद से किसान इसके बीज हासिल कर अब पंपोर में भी इसकी खेती कर रहे हैं और खेती करना सीख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे आमदनी के साधन भी बढ़ेंगे और रोजगार भी। काले जीरे की मांग हमेशा रहती है। एडवांस रिसर्च सेंटर के एचओडी डा बशीर अहमद इलाही ने कहा कि कई किसानों ने काले जीरे की खेती में सफलता भी पाई है। इसकी खेती से उन्हें बेहतर आमदनी होगी क्योंकि बाजार में काला जीरा मांग में रहता है। इलाही ने कहा कि हम सरकार के आभारी हैं कि उन्होंने इसके बीज किसानों को मुहैया करवाए। उन्होंने कहा कि रिसर्च में इस पर काफी स्टडी की जा रही है। इसकी खेती, बीज और अन्य तकनीकों पर स्टडी हो रही है।