Edited By PTI News Agency,Updated: 14 Jul, 2022 05:33 PM
बेंगलुरु, 14 जुलाई (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य, रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को राज्यों से स्वदेशी रूप से विकसित नैनो उर्वरकों को लोकप्रिय बनाने और रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर इसको उपयोग में लाने की अपील की।
बेंगलुरु, 14 जुलाई (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य, रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को राज्यों से स्वदेशी रूप से विकसित नैनो उर्वरकों को लोकप्रिय बनाने और रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर इसको उपयोग में लाने की अपील की।
मंत्री ने कहा कि किसानों को 266 रुपये की लागत से उर्वरक बैग दिए जाते हैं, जबकि सरकार को वास्तविक लागत 2,300 रुपये पड़ती है।
उन्होंने यहां राज्य कृषि और बागवानी मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा, ‘‘भारत की उर्वरक खपत दुनिया का 35 प्रतिशत है और भारत हर साल 70 लाख से 100 लाख टन उर्वरक का आयात करता है।’’
उन्होंने कहा, किसानों को 266 रुपये में खाद की बोरियां दी जाती हैं, जिसकी कीमत सरकार को 2,300 रुपये पड़ती है। ‘‘देश किसानों को अत्यधिक रियायती दर पर उर्वरक देता है।’’
मांडविया ने कहा, ‘‘भारत सरकार उर्वरकों पर सब्सिडी के रूप में 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है, जो कर्नाटक जैसे किसी भी बड़े राज्य के वार्षिक बजट के बराबर है।’’
मंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने सरकार के सामने आने वाली समस्याओं को महसूस किया है और नैनो उर्वरक का विकास किया है।
नैनो उर्वरक की हर बोतल की कीमत 240 रुपये होती है।
मांडविया ने कहा, ‘‘एक करोड़ नैनो उर्वरक की बोतलें चार लाख टन उर्वरक बैग के बराबर होती हैं। क्या हम उन्हें लोकप्रिय बना सकते हैं? मैंने खुद अपनी 100 एकड़ जमीन में इसका इस्तेमाल किया है और इसे बहुत प्रभावी पाया है।’’
मंत्री ने यह भी कहा कि नैनो उर्वरक की बोतलों पर अध्ययन किया गया है और इन्हें सुरक्षित और प्रभावी पाया गया। इसके अलावा यह स्वदेशी है और 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर एक कदम है।
मांडविया ने बताया कि 2025 तक देश में दो लाख टन रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल को नैनो उर्वरकों से बदलने के लक्ष्य के साथ नौ नैनो उर्वरक संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
मांडविया ने राज्यों से उद्योगों को सब्सिडी वाले उर्वरकों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की भी अपील की।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक के कृषि मंत्री बी सी पाटिल, विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।