वित्त वर्ष के पहले दिन शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 1,203 अंक लुढ़का

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Apr, 2020 06:17 PM

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मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) शेयर बाजारों में नये वित्त वर्ष की शुरूआत अच्छी नहीं रही और बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 1,203 अंक लुढ़क गया। कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर कमजोर धारणा का असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा।

मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) शेयर बाजारों में नये वित्त वर्ष की शुरूआत अच्छी नहीं रही और बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 1,203 अंक लुढ़क गया। कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर कमजोर धारणा का असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा।
मंगलवार की तेजी के बाद तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 1,203.18 अंक यानी 4.08 प्रतिशत टूटकर 28,265.31 अंक पर बंद हुआ।

इसी प्रकार,नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 343.95 अंक यानी 4 प्रतिशत का गोता लगा कर 8,253.80 अंक पर बंद हुआ।

एशिया के कुछ देशों से औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़े और कोरोना वायरस मामलों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए वैश्विक बाजारों में गिरावट आयी। संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या यह संकेत देती है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये आगे का रास्ता कठिन है।

कारोबारियों के वाहनों की बिक्री के कमजोर आंकड़े तथा भारत के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने से चूकने की खबर से निवेशकों का भरोसा हिला है।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में टेक महिंद्रा रही। कंपनी का शेयर 9.21 प्रतिशत तक लुढ़क गया। उसके बाद क्रमश: कोटक बैंक (8.81 प्रतिशत), टीसीएस (6.23 प्रतिशत), इन्फोसिस (5.65 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (5.50 प्रतिशत) और एसबीआइ (5.26 प्रतिशत) का स्थान रहा।

वहीं दूसरी तरफ मात्र हीरो मोटो कार्प, बजाज ऑटो, बजाज फाइनेंस और टाइटन के शेयर 2.21 प्रतिशत तक लाभ में रहे।

कारोबारियों के अनुसार घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट वैश्विक बाजारों के अनुरूप रही। कोरोना वायरस महामारी से राहत मिलने की संभावना नहीं दिखने के साथ बाजार में गिरावट आयी।

उनका कहना है कि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये ‘आवागमन पर रोक’ का असर कारोबार पर दिख रहा है।

इस बीच, दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 8.6 लाख पहुंच गयी है जबकि 42,000 लोगों की मौत हुई है।
वहीं भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित मामले 1,637 हो गये है जबकि मरने वालों की संख्या 38 पहुंच गयी है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष के पहले दिन की शुरूआत गिरावट के साथ हुई। घरेलू बाजारों पर वैश्विक बाजारों का असर पड़ा। इसके अलावा बैंकों की फंसी संपत्ति और वाहनों की बिक्री की संख्या से भी बाजार पर असर पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एफआईआई ने मार्च में 62,000 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची और वायरस से संक्रमण बढ़ने के साथ बाजार स्थिति और बदतर होने की आशंका कर रहा है।’’
मारुति सुजुकी और हुंदै जैसी बड़ी कंपनियों ने मार्च में 47 प्रतिशत तक बिक्री में कमी की सूचना दी है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी ‘रोक’ और उपभोक्ताओं का मनोबल कमजोर होने से बिक्री प्रभावित है।

इधर, साख निर्धारण और अन्य सेवाएं देने वाली अमेरिकी कंपनी फिच सोल्यूशंस ने कहा है कि भारत का राजकोषीय घाटा 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.2 प्रतिशत तक जा सकता है जबकि सरकार ने इसके 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। इसका कारण कोरोना वायरस संकट के बीच राजस्व संग्रह में कमी और व्यय बढ़ना है।
दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों से औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़े से एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। वैश्विक स्तर पर चीन में शंघाई, हांगकांग, जापान में तोक्यो और दक्षिण कोरिया के सोल में 4 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 5.20 प्रतिशत लुढ़ककर 24.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।



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