बीपीसीएल ने कच्चे तेल की विशेषताओं का पता लगाने के लिये सस्ती प्रौद्योगिकी विकसित की

Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Apr, 2020 04:47 PM

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मुंबई, पांच अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. ने कच्चे तेल के की गुणवत्ता के परीक्षण के लिये सस्ती प्रोद्योगिकी विकसित की है। साथ ही इसमें परीक्षण में समय भी कम लगता है।

मुंबई, पांच अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. ने कच्चे तेल के की गुणवत्ता के परीक्षण के लिये सस्ती प्रोद्योगिकी विकसित की है। साथ ही इसमें परीक्षण में समय भी कम लगता है।

वैसे इस प्रकार की प्रौद्योगिकी के लिये अमेरिका तथा यूरोपीय संघ के पास पेटेंट हैं। बीपीसीएल द्वारा विकसित इस प्रौद्योगिकी को कच्चे तेल के बारे में पूरी जानकारी देने का उपकरण कहा जाता है जिसे बीपी मार्क कहते हैं।
बीपीसीएल के निदेशक (रिफाइनरी) आर रामचंद्रन ने कहा कि कंपनी इस प्रौद्योगिकी के वाणिज्यिक उपयोग को लेकर एस्पेन, हनीवेल ओर एमर्सन जैसे कच्चे तेल की परख करने वाले उद्योग से बातचीत भी कर रही है।
उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘कच्चे तेल को परखने की परंपरागत तकनीकी में 30 से 45 दिन का समय लगता है और इस पर तकरीबन 25 लाख रुपये की लागत आती है। लेकिन बीपी मार्क चार स्तरीय परीक्षण के लिये केवल 30 मिनट का समय लेता है। हम इसे काफी कम लागत पर दे सकते हैं लेकिन हमने कीमत के बारे में अभी निर्णय नहीं किया है।’’
रामचंद्रन ने यह भी कहा कि कंपनी उत्पाद को अनुकूलतम बनाने में अत्याधुनिक नियंत्रण उत्पाद के रूप में इस प्रौद्योगिका के उपयोग की योजना बना रही है और हम इसके पेटेंट के लिये भी आवेदन करने जा रहे हैं।

अमेरिकी कंपनियों के साथ बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हमने एसपेन, एमर्सन और हनीवेल के समक्ष अपनी बातें रखी लेकिन अबतक कोई सौदा नहीं हुआ है।’’
बीपीसीएल 2015-16 से ही इस प्रौद्योगिकी पर काम कर रही है और दो साल पहले इसके वाणिज्यिक उत्पादन के स्तर पर पहुंची।

कंपनी के एक सूत्रों ने बतया कि उसके बाद कंपनी ने इसे अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट के समक्ष इसे प्रस्तुत किया। यह संस्थान वैश्विक निकाय है जो उद्योग के लिये परीक्षण मानदंडों को संहिताबद्ध करता है। संस्थान एक वैकल्पिक मानक के रूप में इस उपकरण के विकास को लेकर गंभीर था तथा लेकिन इसके लिये शर्त यह थी कि बीपीसीएल पूरी जानकारी साझा करेगी लेकिन कंपनी ने इससे इनकार कर दिया।

रामचंद्रन के अनुसार के इस उपकरण के उपयोग से तेल कुओं में कच्चे तेल की ताजा परख में मदद मिल सकती है। इन कुओं में समय के साथ विशेषताएं बदलती रहती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब यह बीते दिनों की बात हो गयी है कि कच्चे तेल की जांच के लिये लंबे समय तक प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाए। भारत पेट्रोलियम की अनुंधान एवं विकास टीम ने कच्चे तेल के बारे में समूची जानकारी का पता लगाने के लिये ‘बीपी मार्क’ नाम से उपकरण विकसित किया है। यह कच्चे तेल की पूरी विशेषताओं का सही आकलन करने में समर्थ है।’’

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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