Edited By PTI News Agency,Updated: 26 May, 2020 08:10 PM
मुंबई, 26 मई (भाषा) मुंबई के केईएम अस्पताल में तैनात एक कर्मचारी की मौत के बाद मंगलवार को संस्थान के अन्य कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और कोविड-19 महामारी के संकट के बीच नागरिक निकाय पर उनकी हालत के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया।
मुंबई, 26 मई (भाषा) मुंबई के केईएम अस्पताल में तैनात एक कर्मचारी की मौत के बाद मंगलवार को संस्थान के अन्य कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और कोविड-19 महामारी के संकट के बीच नागरिक निकाय पर उनकी हालत के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया।
कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि मृतक को शरीर में दर्द की शिकायत के बावजूद छुट्टी नहीं दी गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले दो दिनों से शरीर में दर्द और कमजोरी की शिकायत कर रहा था लेकिन उसकी छुट्टी मंजूर नहीं की गई।’’
उन्होंने दावा किया कि उस कर्मचारी की कोरोना वायरस की जांच नहीं की गई और शायद उसका बमुश्किल कोई इलाज किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘उसकी मौत हमारे प्रति बीएमसी प्रशासन की उदासीनता दर्शाती है। अगर हमें दस्ताने और मास्क जैसी बुनियादी सुरक्षा नहीं दी गई तो हमारा जीवन खतरे में पड़ सकता है।’’
संघ पदाधिकारी ने बीएमसी से ठोस कदम उठाने की मांग की।
बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा संचालित अन्य अस्पतालों की तरह केईएम अस्पताल भी वायरस के बढ़ते मामलों और अपर्याप्त कर्मचारियों के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इस बीच, अस्पताल के गलियारे में कतार में स्ट्रेचर पर रखे हुए शवों की एक चौंकाने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
भाजपा विधायक नितेश राणे ने फोटो साझा करते हुए ट्वीट किया, “ यह मुंबई का केईएम अस्पताल है।”
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