Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jan, 2022 07:00 PM
मुंबई,21 जनवरी (भाषा) जर्मन युद्ध पोत एफजीएस बायरन (एफ217) शुक्रवार को मुंबई पहुंचा। वहीं, भारत में जर्मनी के राजदूत ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र अत्यधिक महत्व का है और उन्होंने मुक्त समुद्री मार्गों पर जोर दिया।
मुंबई,21 जनवरी (भाषा) जर्मन युद्ध पोत एफजीएस बायरन (एफ217) शुक्रवार को मुंबई पहुंचा। वहीं, भारत में जर्मनी के राजदूत ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र अत्यधिक महत्व का है और उन्होंने मुक्त समुद्री मार्गों पर जोर दिया।
युद्ध पोत का भारतीय नौसेना के एक बैंड ने एक समारोह में स्वागत किया। यहां जर्मन युद्ध पोत के आगमन को दोनों देशों के बीच एक मजबूत संबंध के तौर पर देखा जा रहा है।
जर्मन राजदूत वाल्टर लिंडनर ने कहा कि उनका देश और ज्यादातर यूरोपीय राष्ट्र इस बात से सहमत हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र पृथ्वी पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक है।
उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मलक्का जलडमरूमध्य के रास्ते होता है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘वहीं, दूसरी ओर, हमारे क्षेत्रीय तनाव हैं। कम से कम तीन परमाणु शक्ति देश हैं। इसलिए, आपके लिए मुक्त समुद्री, नौवहन मार्गों की जरूरत है तथा आपके पास स्थिरता वाला एक शांतिपूर्ण क्षेत्र होना चाहिए...जहां टकरावों का परस्पर सहमति से समाधान हो। ’’
राजूदत ने कहा कि इस जहाज का आना यह प्रदर्शित करता है कि ‘हम सिर्फ बात नहीं कर रहे हैं। ’
वहीं,जर्मन दूतावास ने कहा कि बायरन का मुंबई आना, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में युद्ध पोत की तैनाती का अंतिम पड़ाव है। क्षेत्र में यह पिछले साल अगस्त से गश्त और प्रशिक्षण अभियान पर है, जिस दौरान वह विभिन्न देशों के बंदरगाहों पर पहुंचा।
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