99 साल बाद भी जलियांवाला बाग के शहीदों को शहीद का दर्जा नहीं

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Apr, 2018 04:02 AM

99 years later martyrs of jallianwala bagh are not martyred

13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन जलियांवाला बाग में जनरल डायर की गोली का शिकार हुए 379 भारतीयों के परिवार इस गोलीकांड के 99 साल बीत जाने के बाद भी इन मृतकों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए

जालंधर (नरेश): 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन जलियांवाला बाग में जनरल डायर की गोली का शिकार हुए 379 भारतीयों के परिवार इस गोलीकांड के 99 साल बीत जाने के बाद भी इन मृतकों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। इस मकसद से स्थापित की गई जलियांवाला बाग शहीद परिवार समिति के प्रधान महेश बहल व उनके साथी अंग्रेजों की तरफ से चलाई गई गोली में शहीद हुए लोगों को उनका बनता सम्मान दिलवाने के लिए सरकार को कई बार लिख चुके हैं, पर अभी तक सरकार ने इन परिवारों को शहीदों के परिवारों का दर्जा नहीं दिया है।


हम सरकार की तरफ से स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाले आर्थिक लाभ की उम्मीद नहीं कर रहे लेकिन देश के लोगों को यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि जिन लोगों ने देश की आजादी की खातिर लड़ी गई जंग में अपने प्राण न्यौछावर करके सहयोग दिया उनके पारिवारिक सदस्य आज भी जिंदा हैं और इन परिवारों की पहचान शहीदों के वारिसों के तौर पर की जानी चाहिए। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते सरकार ने कई स्वतंत्रता सेनानियों को शहीद का दर्जा दिया था, इसी प्रकार जलियांवाला बाग में मारे गए लोगों को भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। इसके अलावा यू.के. की सरकार को भी जलियांवाला बाग गोलीकांड के लिए माफी मांगनी चाहिए। 
-महेश बहल, प्रधान जलियांवाला बाग  शहीद परिवार समिति

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