भाजपा का बड़ा कदम, वक्फ कानून पर शुरू होगा मुस्लिमों को लेकर खास अभियान

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Apr, 2025 09:03 PM

a special campaign will be started for muslims on wakf law

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वक्फ (संशोधन) अधिनियम के फायदों का प्रचार करने और विपक्ष की आलोचना का मुकाबला करने के लिए 20 अप्रैल से एक पखवाड़े तक के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी जिसमें विशेष रूप से मुसलमानों को लक्षित किया जाएगा।

नेशलन डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वक्फ (संशोधन) अधिनियम के फायदों का प्रचार करने और विपक्ष की आलोचना का मुकाबला करने के लिए 20 अप्रैल से एक पखवाड़े तक के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी जिसमें विशेष रूप से मुसलमानों को लक्षित किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। देश भर के भाजपा पदाधिकारियों ने यहां एक कार्यशाला में भाग लिया। इसमें नड्डा ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे वोट बैंक की राजनीति के तहत संशोधित कानून के प्रावधानों के बारे में मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

नड्डा ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वक्फ की संपत्तियों के पारदर्शी और कुशल प्रबंधन के साथ ‘पसमांदा' (पिछड़े) मुसलमानों और महिलाओं को प्रबंधन और कल्याण कार्यक्रमों में हितधारक बनाने के लिए दृढ़ है। भाजपा शासित राज्यों के वक्फ बोर्डों के सदस्यों और पार्टी संगठन, जिसमें इसकी अल्पसंख्यक शाखा भी शामिल है, ने दिन भर की कार्यशाला में भाग लिया। नड्डा ने कहा कि आठ अप्रैल को लागू हुआ नया कानून वक्फ संपत्तियों का उपयोग गरीब मुसलमानों और महिलाओं के कल्याण के लिए करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह इन संपत्तियों को लोगों के एक छोटे लेकिन प्रभावशाली वर्ग के नियंत्रण से मुक्त करेगा और उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय के समग्र लाभ के लिए खोल देगा। नड्डा और रीजीजू ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि यह कानून मुसलमानों को प्राप्त धार्मिक मामलों के प्रबंधन के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है। उन्होंने कहा कि वक्फ परिषद और बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की उपस्थिति केवल संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल और पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें पांच मई तक चलने वाले अभियान की अगुआई का जिम्मा सौंपा गया है। कई मुस्लिम संगठनों और विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जहां इस मामले की सुनवाई 16 अप्रैल को होनी है। 

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