अभिमन्यु मिश्रा ने छोटे मोहरों से किए बड़े कारनामे, उपलब्धियों पर छप चुके हैं कई लेख

Edited By vasudha,Updated: 04 Jul, 2021 03:19 PM

abhimanyu mishra youngest grandin history

अमेरिकी शतरंज फेडरेशन की आधिकारिक वेब साइट पर पांच साल पहले लाल कमीज और काली पैंट पहने साढ़े सात साल के भारतीय मूल के एक बच्चे की फोटो लगी थी और शीर्षक में उसे ‘‘अमेरिका का सबसे छोटा शतरंज विशेषज्ञ’’ बताया गया था, जिसका लक्ष्य ग्रैंडमास्टर बनना है।...

नेशनल डेस्क: अमेरिकी शतरंज फेडरेशन की आधिकारिक वेब साइट पर पांच साल पहले लाल कमीज और काली पैंट पहने साढ़े सात साल के भारतीय मूल के एक बच्चे की फोटो लगी थी और शीर्षक में उसे ‘‘अमेरिका का सबसे छोटा शतरंज विशेषज्ञ’’ बताया गया था, जिसका लक्ष्य ग्रैंडमास्टर बनना है। पांच साल बाद उसी वेबसाइट पर उसी बच्चे की फोटो एक बार फिर लगी है, जिसका शीर्षक है, ‘‘शतरंज के इतिहास का सबसे कम उम्र का ग्रैंडमास्टर।


अभिमन्यु के नाम कई उपलब्धियां 
मुस्कुराते हुए मासूम चेहरे और शांत आंखों वाला यह बच्चा शतरंज की बिसात पर बड़े बड़ों को मात देने वाला अभिमन्यु मिश्रा है, जिसका कद इस दौरान भले कुछ इंच ही बढ़ा है, लेकिन वह 32 मोहरों और 64 खानों वाले इस खेल के सबसे ऊंचे कद वाले खिलाड़ियों में शुमार हो गया है। पांच फरवरी 2009 को जन्मे अभिमन्यु ने 12 वर्ष चार महीने और 25 दिन की उम्र में शतरंज का ग्रैंडमास्टर बनने के लिए जरूरी सभी उपलब्धियां हासिल कीं और सर्गे कार्जाकिन का रिकॉर्ड तोड़ा, जो उन्होंने तकरीबन 19 साल पहले 12 अगस्त 2002 में अपने नाम किया था। कार्जाकिन ने जिस उम्र में दुनिया के सबसे छोटे शतरंज ग्रैंडमास्टर का दर्जा हासिल किया था, अभिमन्यु ने उससे दो महीना पांच दिन पहले वह दर्जा हासिल किया।

 

10 साल की उम्र में बना  इंटरनेशनल मास्टर 
इससे पहले अभिमन्यु मिश्रा ने भारत के आर प्रज्ञानंद का रिकॉर्ड तोड़कर सिर्फ दस साल की उम्र में दुनिया का सबसे कम उम्र का इंटरनेशनल मास्टर होने का गौरव हासिल किया था। प्रज्ञानंद ने 10 साल, 10 महीने और 19 दिन की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बनकर यह रिकॉर्ड बनाया था, जबकि अभिमन्यू ने 2019 में दस साल नौ महीने और 20 दिन की उम्र में यह मुकाम हासिल किया।
अभिमन्यु के हाथों शतरंज के इतिहास का सबसे कम उम्र का ग्रैंडमास्टर रिकॉर्ड गंवाने वाले रूस के सर्गे कार्जाकिन ने इस मौके पर अभिमन्यु को बधाई देते हुए कहा कि वह यह रिकॉर्ड छिन जाने से थोड़े निराश तो हैं, लेकिन वह अभिन्यु को उनके सफल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देना चाहते हैं।


छोटे उम्र में बनाए कई बड़े रिकॉर्ड
भारत में जन्मे अभिमन्यु के माता-पिता सुमन शर्मा और हेमंत मिश्रा आगरा और भोपाल से ताल्लुक रखते हैं और दोनो ही न्यूजर्सी में एक डाटा मैनेजमेंट कंपनी में काम करते हैं। अभिमन्यु की एक छोटी बहन है रिद्धिमा। सुमन का कहना है कि अभिमन्यु बहुत छोटी उम्र से ही मुश्किल जिगसॉ पजल (चित्र खंड पहेलियां) बड़ी आसानी से हल कर लेता था। पांच साल की उम्र में उसने 300 चित्रखंड की एक पहली सिर्फ तीन घंटे में हल कर दी थी। शतरंज से अभिमन्यु का परिचय उनके पिता हेमंत मिश्रा ने कराया जो कॉलेज में और नौकरी के दौरान शतरंज खेला करते थे। शुरू में अभिमन्यु ने न्यूजर्सी में ही एक रूसी कोच से शतरंज के शुरुआती गुर सीखे और फिर ‘किंग्स एंड क्वींस अकादमी’ में छोटे-छोटे मोहरों से बड़े बड़े रिकॉर्ड बनाने निकल पड़े।


अभिमन्यु की उपलब्धियों पर छपा लेख 
सात साल, छह महीने और 22 दिन की उम्र में यूएस चैस फेडरेशन ने उन्हें शतरंज का सबसे छोटा विशेषज्ञ बताया। उनसे पहले यह दर्जा अवोंडर लियांग के पास था, जो उन्होंने आठ साल और सात दिन की उम्र में हासिल किया था। उसके बाद अभिमन्यु ने न्यूजर्सी ओपन में अपने लिए कुछ और रेटिंग अंक बनाए और उसके बाद अपनी उम्र से बड़े वर्ग में खेलकर चैसकिड नेशनल इन्वीटेशनल प्रतियोगिता जीती। 2016 में ही न्यू यार्कर मैगजीन ने साढ़े सात साल के अभिमन्यु की उपलब्धियों पर लेख छापा और यह सिलसिला यूं ही चलता रहा।
 

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