1993 सीरियल बम ब्लास्ट केस: आरोपी अब्दुल करीम टुंडा बरी, अजमेर की टाडा कोर्ट ने सुनाया फैसला

Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Feb, 2024 01:05 PM

accused abdul karim tunda acquitted ajmer s tada court gives verdict

1993 सीरियल बम ब्लास्ट केस को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अजमेर की टाडा कोर्ट ने बम ब्लास्ट मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा (80) को बरी कर दिया है। अदालत ने सबूतों के अभाव में अब्दुल करीम को बरी किया है। इसके अलावा दो अन्य आरोपियों इरफान (70)...

नेशनल डेस्क: 1993 सीरियल बम ब्लास्ट केस को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अजमेर की टाडा कोर्ट ने बम ब्लास्ट मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा (80) को बरी कर दिया है। अदालत ने सबूतों के अभाव में अब्दुल करीम को बरी किया है। इसके अलावा दो अन्य आरोपियों इरफान (70) और हमीदुद्दीन (44) को दोषी ठहराया गया है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 

तीनों पर थे बम धमाकों के आरोप 
पुलिस उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह करीब 11.15 बजे टाडा कोर्ट लेकर आई। इन तीनों पर 6 दिसंबर 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का आरोप था। 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने इस मामले में 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने चार लोगों को बरी कर दिया था और बाकी की सज़ा बरकरार रखी थी।

2013 में नेपाल बॉर्डर से हुई थी गिरफ्तारी 
टुंडा पर 1996 में दिल्ली में पुलिस मुख्यालय के सामने बम विस्फोट का आरोप था और उसी साल इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। 2000 में टुंडा के बांग्लादेश में मारे जाने की खबरें आईं, लेकिन 2005 में लश्कर आतंकी अब्दुल रज्जाक मसूद दिल्ली में पकड़ा गया, जिसने खुलासा किया कि टुंडा जिंदा है। 2001 में संसद भवन पर हमले के बाद पाकिस्तान ने जिन 20 आतंकियों के भारत प्रत्यर्पण की मांग की थी उनमें टुंडा भी शामिल था। आख़िरकार उसे 2013 में भारत-नेपाल सीमा से पकड़ लिया गया।

क्यों रखा था 'टुंडा' नाम?
​​​​​​​बम बनाते समय अपना एक हाथ खोने के बाद अब्दुल करीम का नाम 'टुंडा' रखा गया। उन पर लगभग 33 आपराधिक मामले दर्ज किए गए और उन पर 1997-98 में लगभग 40 बम विस्फोट करने का आरोप है। टाडा मामलों की सुनवाई के लिए देश भर में केवल तीन विशेष अदालतें हैं, ये हैं मुंबई, अजमेर और श्रीनगर। श्रीनगर कोर्ट नया बना है, इसलिए उत्तर भारत से जुड़े ज्यादातर मामलों की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में होती है, जबकि दक्षिण भारत से जुड़े मामलों की सुनवाई मुंबई में होती है।

 


 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!