Edited By Seema Sharma,Updated: 11 May, 2018 09:07 AM
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की एक महत्वपूर्ण बैठक आज होने की संभावना है। इसमें उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसफ को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के लिए उनके नाम पर पुर्निवचार किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि केंद्र...
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की एक महत्वपूर्ण बैठक आज होने की संभावना है। इसमें उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के लिए उनके नाम पर पुर्निवचार किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले न्यायमूर्ति जोसेफ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिश कॉलेजियम के पास पुर्निवचार के लिये वापस भेज दी थी। यद्यपि इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि कॉलेजियम में शामिल पांच न्यायाधीशों के सहमत होने पर बैठक किसी भी समय हो सकती है।
इस बात का उल्लेख करना यहां प्रासंगिक होगा कि शीर्ष अदालत में सर्वाधिक वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.चेलमेश्वर ने न्यायमूर्ति जोसफ का नाम केंद्र के पास अविलंब भेजने के लिए प्रधान न्यायाधीश को गुरुवार को एक खत लिखकर कॉलेजियम की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था सरकार ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति के.एम. जोसफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रोन्नत करने की कॉलेजियम की सिफारिश पुर्निवचार के लिए लौटा दी थी।
सरकार ने तब कहा था कि प्रस्ताव सर्वोच्च अदालत के मानकों के अनुरूप नहीं है और सुप्रीम कोर्ट में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है जहां से वह आते हैं। सरकार ने सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश के तौर पर प्रोन्नति के लिए उनकी वरिष्ठता पर भी सवाल उठाए थे। चीफ जस्टिस को भेजे अपने खत में न्यायामूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वह न्यायमूर्ति जोसफ को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किए जाने के अपने फैसले को दोहरा रहे हैं क्योंकि उन परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है जब 10 जनवरी को कॉलेजियम ने सरकार के पास उनके नाम की अनुशंसा की थी। यह भी पता चला है कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रधान न्यायाधीश को लिखे खत में न्यायमूर्ति जोसफ की पदोन्नति को लेकर उठाई गई आपत्तियों का न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने पत्र में क्रमवार जवाब दिया।