Edited By Tanuja,Updated: 28 Mar, 2024 11:57 AM
मालदीव सरकार ने कहा है कि वह मालदीप में तैनात 88 भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए भारत सरकार के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई...
मालेः मालदीव सरकार ने कहा है कि वह मालदीप में तैनात 88 भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए भारत सरकार के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। मालदीव में तैनात लगभग 25 भारतीय सैनिकों का पहला जत्था भारत लौट आया जो उपहार में दिए गए हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहा था। दोनों पक्षों के बीच दो फरवरी को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले अपने सैनिकों को बुला लेगा।
न्यूज वेबसाइट एडीशनडाटएमवी ने मालदीव के विदेश मंत्रालय से सैनिकों की वापसी के संबंध में भारत के साथ हुए समझौते की जानकारी मांगी थी। जवाब में मंत्रालय ने कहा, सूचना के अधिकार के कानून के अनुच्छेद 29 के तहत वह भारत के साथ समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगा। बता दें कि मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है और राष्ट्रपति बनने के बाद वह तुर्किये व चीन के दौरे करके उनके साथ कई समझौते कर आए लेकिन भारत नहीं आए हैं, जबकि मालदीव के पूर्व के राष्ट्रपति सत्ता में आने के बाद दशकों के मददगार भारत का दौरा सबसे पहले करते थे ।
मालदीव में भारतीय सैनिक भारत द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए हेलीकाप्टर के संचालन के लिए तैनात हैं। इंडिया आउट का नारा लगाकर नवंबर 2023 में मालदीव की सत्ता में आए राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू ने शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग उठा दी थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच चली बातचीत में 10 मार्च तक सैनिकों के पहले दल और 10 मई तक भारतीय सैनिकों के अंतिम दल की वापसी की सहमति बनी। इनके स्थान पर भारत के असैन्य कर्मी हेलीकाप्टरों का संचालन करेंगे। मालदीव ने कहा है कि ये भारतीय कर्मी उसकी सेना के दिशानिर्देश पर कार्य करेंगे।