स्थानीय लोगों को बचाने के लिए एयर कमांडर संजय चौहान ने नहीं छोड़ी पायलट की सीट

Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jun, 2018 11:09 AM

air commander sanjay chauhan has given his life to save the locals

भारतीय वायुसेना का एक जगुआर लड़ाकू विमान गुजरात के जामनगर वायुसैनिक अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद मंगलवार को कच्छ जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें एयर ऑफिसर कमांडिंग संजय चौहान की मौत हो गई। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने यहां...

कच्छः भारतीय वायुसेना का एक जगुआर लड़ाकू विमान गुजरात के जामनगर वायुसैनिक अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद मंगलवार को कच्छ जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें एयर ऑफिसर कमांडिंग संजय चौहान की मौत हो गई। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने यहां बताया, ‘‘जामनगर से नियमित प्रशिक्षण मिशन पर निकला जगुआर विमान सुबह करीब साढ़े दस बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हादसे में एयर कमांडर संजय चौहान की गंभीर रूप से चोटिल होने के बाद मौत हो गई।’’
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एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कमांडर संजय चौहान विमान टूटने के दौरान चेयर इजेक्ट कर पैराशूट के जरिए अपनी जान बचा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि इससे विमान बस्ती के ऊपर गिर जाता और इससे जनहानि भी हो सकती थी। एयर कमांडर संजय ने जनहानि को बचाने के लिए अपनी सीट नहीं छोड़ी और अपनी जान दे दी। कमांडर संजय एयरफोर्स में सीनियर अधिकारी थे और वे स्टेशन कमांडर थे।
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एयर कोमोडोर रैंक आर्मी की ब्रिगेडियर रैंक के बराबर होती है। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि विमान के मलबे की चपेट में आने से खेत में चर रही कुछ गायें भी मारी गईं। उन्होंने बताया कि विमान का मलबा गांव के बाहरी इलाके में दूर-दूर तक बिखर गया और मारे गए जानवरों को खेत में पड़े देखा गया। 

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