मोदी की 'मेक इन इंडिया' पड़ सकती है खटाई में, F-16 जेट स्कीम पर ट्रंप फिर करेंगे विचार

Edited By ,Updated: 10 Feb, 2017 12:01 PM

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से एफ-16 जेट के ऑर्डर कम होने के चलते कंपनी अब अपने टेक्सास स्थित प्लांट में जॉइंट स्ट्राइक फाइटर एफ-35 का प्रॉडक्शन शुरू करना चाहती है

वॉशिंगटन: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से एफ-16 जेट के ऑर्डर कम होने के चलते कंपनी अब अपने टेक्सास स्थित प्लांट में जॉइंट स्ट्राइक फाइटर एफ-35 का प्रॉडक्शन शुरू करना चाहती है, जिसकी अमेरिकी एयरफोर्स को जरूरत है। दूसरी तरफ कंपनी एफ-16 जेट के प्रॉडक्शन को भारत स्थानांतरित करना चाहती है। भारत सरकार ने कंपनी को इस कई सौ जेट विमानों के ऑर्डर देने पर सहमति जताई है। भारतीय एयरफोर्स को इन जेट विमानों की खासी जरूरत बताई लेकिन लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहते हैं।

बता दें कि ट्रंप उन कंपनियों की आलोचना करते रहे हैं, जो अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अमेरिका से बाहर ले जा रही हैं और बाद में अमेरिका को ही प्रॉडक्ट्स बेचती हैं। अपना कार्यकाल संभालने के शुरुआती सप्ताहों में ही डोनल्ड ट्रंप ने ऑटोमेकर्स से लेकर फार्मास्युटिकल्स कंपनियों तक को अमेरिकी में ही उत्पादन करने को कहा है। हालांकि लॉकहीड मार्टिन भारत में एफ-16 जेट उत्पादन करेगी लेकिन उसकी अमेरिका में इन्हें बेचने की कोई योजना नहीं है। कंपनी का कहना है कि वह भारत में यूनिट स्थापित करने की अपनी योजना को लेकर ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से बीते कई महीनों से बातचीत कर रही है। विश्लषकों के मुताबिक आगामी दशकों में भारत सरकार रक्षा आधुनिकीकरण पर 250 अरब डॉलर खर्च करने की तैयारी में है। ऐसे में एफ-16 की भारत में मैन्युफैक्चरिंग पर रोक से बोइंग, नॉर्थरॉप और अन्य कई कंपनियों के साथ हुईं डिफेंस डील्स भी प्रभावित हो सकती हैं।

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