Edited By vasudha,Updated: 02 Aug, 2018 05:01 PM
जख्मी जूतों का डॉक्टर'' एक बार फिर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। पिछले दिनों महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर ''जूतों के डॉक्टर'' का एक पोस्ट शेयर किया था जो देखते ही देखते वायरल हो गया था...
नेशनल डेस्क: 'जख्मी जूतों का डॉक्टर' एक बार फिर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। पिछले दिनों महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर 'जूतों के डॉक्टर' का एक पोस्ट शेयर किया था जो देखते ही देखते वायरल हो गया था। अब इस डॉक्टर' को अपना अस्पताल मिल गया है। आनंद महिंद्रा की एक टीम ने एक बहुत ही सुंदर और पोर्टेबल शॉप डिजाइन की है जिसे जख्मी जूतों तक पहुंचा दी है।
नरसी राम के अनोखे बोर्ड से प्रभावित आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर उनकी तस्वीर शेयर करते हुए कहा था कि इस आदमी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट" में मार्केटिंग की पढ़ाई करवानी चाहिए। उन्होंने लिखा था कि वे नहीं जानते ये कौन है लेकिन वह इनके काम की तरक्की के लिए एक छोटा निवेश करना चाहते हैं। कई दिनों की तलाश के बाद उनकी टीम ने हरियाणा के जिंद के इस मोची को ढूंढ़ निकाला।
आनंद महिंद्रा ने नरसीराम से पूछा कि वे किस प्रकार उनकी मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह बस मदद के तौर पर एक बूथ चाहते हैं। महिन्द्रा की टीम ने उसके लिए नई चलती-फिरती दुकान बना दी। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने इस मामले में नया अपडेट देते हुए ट्वीट किया कि नरसी राम के इस आइडिया से वो काफी प्रभावित हुए और अब ‘जख्मी जूतों का अस्पताल’ नाम के इस आइडिया में इन्वेस्ट किया है।
बता दें कि हरियाणा के जींद में नरसीराम टूटे हुए जूतों, चप्पलों की मरम्मत और पॉलिश का काम करते हैं। उनकी दुकान की सबसे खास बात थी उस पर लगा हुआ बैनर जिस पर "जूतों का डॉक्टर' लिखा था। साथ ही बैनर में अस्पताल की तरह ओपीडी सुबह 9 से दोपहर 1 बजे, लंच दोपहर 1 से 2 बजे और शाम 2 से 6 बजे तक अस्तपाल खुला रहेगा। हमारे यहां सभी प्रकार के जूते जर्मन तकनीक से ठीक किए जाते हैं। उनके इस बोर्ड ने सभी का ध्यान आकर्षित किया था।