Edited By ,Updated: 08 May, 2015 05:39 PM
भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए जाने वाले पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की डिजाइन तैयार करने पर 1418.91 करोड रुपये खर्च किए गए हैं।
नई दिल्ली: भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए जाने वाले पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की डिजाइन तैयार करने पर 1418.91 करोड रुपये खर्च किए गए हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस विमान की प्रारंभिक डिजाइन तैयार करने के लिये हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड और रूस की रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के बीच दिसंबर 2010 में एक करार हुआ था तथा परियोजना का प्रारंभिक डिजाइन चरण जून 2013 में पूरा कर लिया गया है।
इस करार के तहत अब तक 1418.91 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। यह विमान वायुसेना को कब तक उपलब्ध हो सकेगा इस प्रश्न के उत्तर में पर्रिकर ने कहा कि अनुसंधान और विकास पूरा हो जाने के बाद ही ऐसा संभव है। उन्होंने बताया कि इस चरण के लिए अब तक करार पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। इस करार के मसौदे में यह प्रावधान है कि करार होने के 94 महीनों के बाद विमानों की आपूर्ति शुरु हो सकती है।