Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Feb, 2019 04:34 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की एक सप्ताह तक चली नीलामी शनिवार को संपन्न हो गई जिसमें 1800 उपहारों की सफलतापूर्वक बोली लगाई गई। इन वस्तुओं की नीलामी से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल नमामि गंगे परियोजना
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की एक सप्ताह तक चली नीलामी शनिवार को संपन्न हो गई जिसमें 1800 उपहारों की सफलतापूर्वक बोली लगाई गई। इन वस्तुओं की नीलामी से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल नमामि गंगे परियोजना में किया जाएगा। दो चरणों की इस नीलामी में देशवासियों ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया। पहले चरण में राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में दो दिन तक उपहारों और वस्तुओं की बोली लगाई गई। इसके बाद अन्य उपहारों तथा वस्तुओं की ऑन लाइन ई नीलामी की गई। इस दौरान 1800 वस्तुओं की बिक्री की गई।
नीलामी में विशेष रूप से हाथ से बनाई गई लकडी की बाइक 5 लाख रुपए में तो रेलवे प्लेटफार्म पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाने वाली पेंटिंग भी इतनी ही राशि में बिकी। ऑनलाइन नीलामी में भगवान शिव की मूर्ति 10 लाख रुपए में खरीदी गई। लकड़ी का अशोक स्तंभ 13 लाख रुपए में और असम की एक पारंपरिक ट्रे जो स्टेंड के साथ है वह 12 लाख रुपए में बिकी। अमृतसर में एसजीपीसी से मिला प्रतीक चिन्ह ‘डिविनीटि’10 लाख एक हजार रुपए में बिका। गौतम बुद्ध की मूर्ति 7 लाख रुपए में और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला द्वारा भेंट की गई तांबे से बनी शेर की मूर्ति 5 लाख 20 हजार रुपए में बिकी। चांदी का एक कलश 6 लाख रुपए में खरीदा गया। छत्रपति शिवाजी की प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी आवक्ष प्रतिमा 22 हजार रुपए में बिकी जबकि इसकी कीमत केवल एक हजार रुपए थी। मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें मिले उपहारों की भी उस समय नीलामी कराई थी और उससे मिली धनराशि को बालिकाओं की शिक्षा पर खर्च किया गया था।