Edited By Monika Jamwal,Updated: 07 May, 2019 12:16 PM
गर्मियों का मौसम शुरू होते ही पर्यटन का सीजन भी शुरू हो जाता है। शहर के पार्कों और पर्यटन स्थलों पर लोगों और सैलानियों की तांता लगना शुरू होता है।
जम्मू (कमल/रोशनी) : गर्मियों का मौसम शुरू होते ही पर्यटन का सीजन भी शुरू हो जाता है। शहर के पार्कों और पर्यटन स्थलों पर लोगों और सैलानियों की तांता लगना शुरू होता है। इन दिनों जम्मू के एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बाग-ए-बाहु में पर्यटकों की अपेक्षाकृत काफी कम आमद दर्ज की जा रही है। ठीक इसके उल्ट शहर के एक स्थानीय पार्क में पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। जगह है कि प्रेम नगर स्थित जम्मू विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित महाराजा हरि सिंह पार्क।
कहने को तो बाग-ए-बाहु पार्क, जिसके रखरखाव पर लाखों-करोड़ों खर्च किए जाते हैं, विडम्बना है कि मुगल गार्डन की तर्ज पर विकसित पार्क में सैलानियों की संख्या समिति होकर रह गई है। पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाए गए झूलों की हालत खस्ता है। पार्क की दुदर्शा को लेकर कई बार मीडिया में रिपोर्ट जारी की गई। ठीक इसके विपरीत महाराजा हरि सिंह पार्क में आज आधुनिक किस्म के झूले बच्चों के खासा आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। सुबह के समय पार्क में मार्निंग वॉक करने वालों की भीड़ रहती है जबकि शाम के समय हर वर्ग के लोग यहां पर सैर सपाटे के लिए आते हैं।
बाग-ए-बाहु में दुलर्भ किस्मों के फूल खिलने के बावजूद पर्यटकों को खासा आकर्षित नहीं कर पाए हैं। बेशक लोरीकल्चर विभाग बाग के रखरखाव में कमी नहीं रखता परंतु पर्यटन विभाग ज मू के आकर्षण को लोगों के बीच प्रचलित नहीं कर पाया। हालांकि पर्यटन विभाग राज्य में नए-नए पर्यटन खोजों पर जोरशोर से जुटा हुआ परंतु इस बाग को अतिआधुनिक बनाने के लिए विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बाग-ए-बाहु के साथ कई स्थानीय लोगों का रोजगार भी जुड़ा है और इन लोगों के साथ-साथ इससे जुड़े हितधारकों की हमेशा शिकायत रही है। कई हितधारकों ने बाग ए बाहु को कश्मीर के मुगल गार्डन के समकक्ष विकसित करने पर बल दिया था जोकि जिस पर सरकारों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया।