Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Feb, 2021 12:33 PM
किसानों के प्रदर्शन स्थलों और उसके आसपास कई स्तर की अवरोधक, सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के अवरोधकों के बीच लोहे की छड़ें लगाने, डीटीसी बसों एवं अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसी बीच गुरुवार...
नेशनल डेस्क: किसानों के प्रदर्शन स्थलों और उसके आसपास कई स्तर की अवरोधक, सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के अवरोधकों के बीच लोहे की छड़ें लगाने, डीटीसी बसों एवं अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसी बीच गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर से मजदूरों को कीलें हटाते हुए देखा गया जिसके बाद खबर आई कि कीलों को सड़क से हटाया जा रहा है। वहीं अब इसको लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से बयान आया है कि कीलों को हटाया नहीं जा रहा है बल्कि उसकी जगह बदली जा रही है। दरअसल आने-जाने वालों कीलों से दिक्कत हो रही थी जिसके बाद से कीलों की जगह बदलने का फैसला लिया गया।
बता दें कि दो दिन पहले ही किसानों के धरना स्थल-सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर को लोहे की छड़ों और कीलों से कवर किया गया था। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिन बाद प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा के उपाय कड़े किए गए। वहीं तीनों बॉर्डरों पर सुरक्षा का कड़ा पहरा भी है। सिंघू बार्डर पर अर्धसैनिक बलों के साथ दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं तथा कई स्तर के बैरिकेट्स लगाए गए हैं।