विद्यालय भर्ती घोटाले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर दो मई तक निर्णय ले बंगाल : अदालत

Edited By Radhika,Updated: 23 Apr, 2024 06:17 PM

bengal should take decision by may 2 on school recruitment scam court

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 2016 की स्कूल भर्तियों के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर दो मई तक निर्णय लेने का निर्देश दिया।

नेशनल डेस्क: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 2016 की स्कूल भर्तियों के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर दो मई तक निर्णय लेने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई 25,753 नियुक्तियों को एक दिन पहले रद्द कर दिया था। एक खंडपीठ ने कहा कि यदि मुख्य सचिव इस आदेश का पालन करने में विफल रहते हैं, तो अदालत उनके खिलाफ उचित कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होगी।

आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए सीबीआई का आवेदन 2022 से लंबित है। इसे देखते हुए न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुख्य सचिव को उन आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी पर दो मई तक निर्णय लेने का निर्देश दिया जिन्हें दो साल पहले गिरफ्तार किया गया था। मंजूरी देने को मुकदमे की शुरुआत के लिए एक कदम बताते हुए अदालत ने कहा कि यह कानून की आवश्यकता है कि मंजूरी देने वाले प्राधिकारी को मामले में त्वरित निर्णय लेना चाहिए। खंडपीठ ने कहा, “निर्णय लेते समय, उसे आरोपी व्यक्तियों की स्थिति, अधिकार या शक्ति से अभिभूत या प्रभावित नहीं होना चाहिए और मामले पर स्वतंत्र निर्णय लेना चाहिए।” खंडपीठ में न्यायमूर्ति गौरांग कंठ भी शामिल हैं। अदालत ने आरोपी व्यक्तियों की जमानत याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। आरोपियों में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी शामिल हैं।

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वकीलों ने कहा कि तत्कालीन लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के अभाव में मामला आगे नहीं बढ़ सका और वे लगभग दो साल से हिरासत में हैं ऐसे में देरी के कारण उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाए। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत के समक्ष कहा था कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। खंडपीठ मामले के संबंध में पिछले करीब दो साल से हिरासत में चल रहे चटर्जी, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा, पूर्व एसएससी अध्यक्ष सुबिर भट्टाचार्य और एसएससी की सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष शांति प्रसाद सिन्हा की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने सवाल किया कि क्या ये आरोपी इतने महत्वपूर्ण हैं कि वे मंजूरी प्रक्रिया को डेढ़ साल तक रोक सकते हैं। पीठ ने नौ अप्रैल को भी मंजूरी देने में देरी पर नाराजगी व्यक्त की और मुख्य सचिव को 23 अप्रैल तक निर्णय लेने का निर्देश दिया। सोमवार को न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्कूल नौकरियों के मामले पर अपने फैसले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने में देरी का उल्लेख किया था। 

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