'तेजस' में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बने राजनाथ सिंह, बोले-यह 30 मिनट हमेशा रहेंगे याद

Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Sep, 2019 01:10 PM

bengaluru rajnath singh flies in tejas fighter plane

क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार सुबह स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस में बेंगलुरु में एलएएल हवाईअड्डे से उड़ान भरी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह इस विमान में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। रक्षा मंत्रालय के...

बेंगलुरु: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बेंगलुरु स्थित एचएएल हवाईअड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में गुरुवार को उड़ान भरने के साथ ही स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। करीब 30 मिनट के इस संक्षिप्त सफर के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने तेजस को इसलिए चुना क्योंकि यह स्वदेशी तकनीक से बना है। उन्होंने कहा कि विमान में सफर का उनका अनुभव रोमांचक रहा। सिंह ने विमान से उतरने के बाद कहा कि उड़ान सहज, आरामदायक रही। मैं रोमांचित था। यह मेरे जीवन की सबसे यादगार घटनाओं में से एक थी। राजनाथ सिंह जी सूट पहने, हाथों में हेलमेट पकड़े और एविएटर चश्मे लगाए सिंह पूरी तरह एक लड़ाकू विमान के पायलट लग रहे थे।

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उन्होंने कहा कि मैं एचएएल, डीआरडीओ और संबंधित कई एजेंसियों को बधाई देना चाहता हूं। हम ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम दुनिया को लड़ाकू विमान बेच सकते हैं...दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों ने तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। एक अधिकारी ने बताया कि मंत्री ने करीब दो मिनट तक विमान को नियंत्रित कर उड़ाया भी। हालांकि मंत्री ने कहा कि वह निर्देशों का पालन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लेकिन ये दो मिनट यादगार थे। इससे पहले सिंह विमान में पायलट के पीछे वाली सीट पर बैठे। उनके साथ एयर वाइस मार्शल एन तिवारी भी थे। तिवारी बेंगलुरू में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में परियोजना निदेशक हैं।

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तेजस को देश के रक्षा क्षेत्र के अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड और एरोनाटिकल डिवलपमेंट एजेन्सी ने बनाया है। इससे पहले पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल लड़ाकू विमान सुखोई में उड़ान भर चुकी हैं। वायुसेना ने दिसम्बर 2017 में एचएएल को 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से 83 तेजस विमान बनाने का प्रस्ताव भेजा था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने गत 21 फरवरी को ही तेजस को युद्ध के लिए सक्षम लड़ाकू विमान का प्रमाण पत्र दिया था।

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अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था नाम 'तेजस'
हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए इस विमान को तेजस नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था। तेजस का संस्कृत में अर्थ है- अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा। 

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तेजस की खासियत

  • 200 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से यह आसमान का सीना चीर सकता है।
  • यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
  • तेजस में इतनी सक्षमता है कि यह 9,5000 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है।
  • यह डर्बी और अस्त्र मिसाइल से लैस हो सकता है।
  • लेजर गाइडेड बम से हमला करने में सक्षम।
  • कम ऊंचाई पर उड़कर भी दुश्मन पर नजदीक से निशाना साधने में सक्षम।
  • इसकी लंबाई 13.20 मीटर है। यह 5,680 किलोग्राम भारी है।
  • इसकी सुपरसोनिक रफ्तार 1.8 मेक है।
  • इसकी रेंज 3,000 किलोमीटर है।
  • ये समंदर के ऊपर, राजस्थान के रेगिस्तान में, कश्मीर और उत्तर-पूर्व के पर्वतीय इलाकों में भारत के सामने आने वाली हर चुनौती का माकूल जवाब देने की ताकत रखता है।
  • तेजस पलक झपकते ही आसमान की बुलंदियों में पहुंच जाता हैं।

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