Edited By Tanuja,Updated: 03 Feb, 2021 05:53 PM
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उन्होंने तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं जो पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की उन कठोर आव्रजन नीतियों को पलट देंगे जिन्होंने बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर दिया...
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आज भारतीयों सहित प्रवासी लोगों को बड़ी राहत देते हुए नई इमीग्रेशन पॉलिसी पर हस्ताक्षर किए। नेबाइडेन कहा है कि उन्होंने तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं जो पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की उन कठोर आव्रजन नीतियों को पलट देंगे जिन्होंने बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर दिया। उन्होंने कहा कि ये आदेश ‘‘निष्पक्ष, व्यवस्थित और मानवीय'' कानूनी आव्रजन प्रणाली सुनिश्चित करेंगे। मौजूदा नीतियों की समीक्षा बाइडन प्रशासन के 60 से 180 दिनों के निर्धारित कार्य एजेंडे का हिस्सा है जिससे अमेरिका में अपना भविष्य तलाश रहे हजारों भारतीय पेशेवरों को लाभ होगा। बाइडेन ने इन आदेशों के संबंध में मंगलवार को व्हाइट हाउस में कहा, ‘‘मैं नए कानून नहीं बना रहा हूं, बल्कि मैं बुरी नीति का खात्मा कर रहा हूं।''
इस दौरान उनके साथ उपराष्ट्रपति कमला देवी हैरिस और गृह सुरक्षा मंत्री एलेजांद्रो मेयरकस भी मौजूद थे। बाइडन ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका के पास निष्पक्ष, व्यवस्थित और मानवीय कानूनी आव्रजन प्रणाली होने पर देश अधिक मजबूत, सुरक्षित और संपन्न होगा तथा इससे सीमाओं का बेहतर प्रबंधन होगा। उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश आव्रजन प्रणाली को मजबूत बनाने और उन कदमों को समर्थन देने पर केंद्रित हैं जो उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन लोगों की आकांक्षाओं की रक्षा करने और मुसलमानों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए उठाए थे। बाइडन ने तीन में से एक कार्यकारी आदेश में कहा है कि संघीय सरकार को ऐसी अच्छी नीतियां बनानी चाहिए जो एकीकरण, समावेश और नागरिकता को बढ़ावा देती हों तथा इनमें देश के लोकतंत्र में सभी की भागीदारी शामिल की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम राष्ट्र को शर्मिंदा करने वाले पूर्ववर्ती प्रशासन के उन कदमों को पलटने जा रहे हैं जिन्होंने सीमा पर एक तरह से बच्चों को उनके परिवारों, माता-पिता से दूर कर दिया।'' अमेरिकी मीडिया की खबरों के अनुसार अवैध आव्रजन को रोकने के प्रयास के तहत पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नीतियों के तहत अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर बिना दस्तावेज वाले वयस्कों को उनके बच्चों से अलग कर दिया गया था। इस नीति के तहत 5,500 से अधिक परिवार अलग हो गए थे और 600 से अधिक बच्चों के अभिभावकों का अब तक पता नहीं चल सका है।