पूर्वोत्तर की 21 सीटों पर भाजपा की नजर

Edited By Yaspal,Updated: 16 Sep, 2018 08:46 PM

bjp eyes 21 seats in uttar pradesh

ईसाई बहुल दो पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम और मेघालय में राजनीतिक कद बढ़ाने से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निगाहें अब इस क्षेत्र की कम से कम 21 सीटों पर...

नई दिल्लीः ईसाई बहुल दो पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम और मेघालय में राजनीतिक कद बढ़ाने से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निगाहें अब इस क्षेत्र की कम से कम 21 सीटों पर लगी हैं। बदलते राजनीतिक घटनाक्रमों के तहत जहां मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री डीडी लपांग ने कांग्रेस हाईकमान के प्रति असंतोष मुखर करते हुए पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है, वहीं मिजोरम के गृह एवं उर्जा मंत्री ललजिरलियाना ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनके मिजोरम नेशनल फ्रंट(एमएनएफ) में शामिल होने की रिपोर्टें हैं।

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भाजपा के एक नेता के मुताबिक मिजोरम और मेघालय में पार्टी का कद बढ़ रहा है और इससे कांग्रेस के लिए समस्यायें खड़ी होती नजर आ रही हैं। फरवरी 2018 में नागालैंड में भी कांग्रेस को अपने लोगों के पलायन की गंभीर समस्या से जूझना पड़ा था। भाजपा के अंदरूनी खबर रखने वाले नेताओं के मुताबिक असम में बदलाव के रूझान और नये चेहरे सामने लाये जाने की मंशा के अनुरूप सात मौजूदा सांसदों में से तीन या चार सांसद इस बार टिकट से वंचित किये जा सकते हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य में 14 संसदीय सीटों में से सात सीटें मिली थी।

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सूत्रों के मुताबिक गुवाहाटी से सांसद विजय चक्रवर्ती 75 वर्ष की आयु के मापदंड के आधार पर टिकट से वंचित किये जा सकते हैं। मंगलदई से सांसद रमन डेका इस बार गुवाहाटी सीट से चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं। डेका 2014 में भी गुवाहाटी सीट से उम्मीदवारी चाह रहे थे, लेकिन तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें अपने ही निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए राजी कर लिया था। पूर्व विधायक जयंत मल्ल बरुआ को भाजपा इस बार मंगलदई संसदीय सीट से उम्मीदवारी का विकल्प दे सकती है। दूसरी तरफ तेजपुर से मौजूदा सांसद राम प्रसाद शर्मा की छवि पर हाल में सामने आये असम लोक सेवा आयोग ‘कैश फॉर जॉब‘ घोटाले के कारण प्रतिकूल असर पड़ा है तथा उनकी पुत्री के खिलाफ अभी जांच जारी है।

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भाजपा नेताओं का मानना है कि शर्मा के खिलाफ हालांकि घोटाले में संलिप्तता के कोई साक्ष्य अभी नहीं मिले हैं, लेकिन चुनावी राजनीति में लोगों की बीच छवि मायने रखती है। भाजपा नेतृत्व रेल राज्य मंत्री रंजन गोगोई की टिकट काटने का कड़ा निर्णय ले सकती है, हालांकि पार्टी नेताओं का एक धड़ा श्री गोगोई की उम्मीदवारी का पक्षधर है। गोगोई 1999 से नगांव सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मेघालय में शिलांग सीट से भाजपा एक लोकप्रिय नया चेहरा सामने ला सकती है और लपांग के इस्तीफे को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।

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