Edited By Yaspal,Updated: 25 Aug, 2019 11:50 PM
अब इसे रोजगार के सीमित अवसर कहें या नौकरी का क्रेज। पटना बिहटा पालीगंज निवासी कुमार श्रवण ने ट्रैक मेंटेनर बनकर नौकरी पाने वाले युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है। दरअसल, देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों...
नेशनल डेस्कः अब इसे रोजगार के सीमित अवसर कहें या नौकरी का क्रेज। पटना बिहटा पालीगंज निवासी कुमार श्रवण ने ट्रैक मेंटेनर बनकर नौकरी पाने वाले युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है। दरअसल, देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में शुमार IIT से B-Tech और M-Tech करने के बाद एक युवक ने रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी ज्वाइन की है।
कुमार श्रवण के मुताबिक, “नौकरी छोटी या बड़ी नहीं होती। जीवन में जो अवसर मिले, उसे छोड़ना नहीं चाहिए। कुमार श्रवण ने 30 जुलाई को धनबाद रेल मंडल में योगदान दिया। उनकी पोस्टिंग फिलहाल चंद्रपुरा पीडब्ल्यूआई के अधीन तेलो में की गई है। श्रवण के टीम में शामिल होने से उनके साथी जहां उत्साहित हैं, वहीं रेलवे के लिए भी ग्रुप डी पद पर आईआईटीएन मिलना गौरव की बात है।
कुमार श्रवण को 2010 में आईआईटी जेईई में सफलता मिली थी। उनकी कटेगरी रैंक (सीएमएल) 1,570 था। श्रवण ने आईआईटी मुंबई में इंटीग्रेटेड डुएल डिग्री कोर्स में दाखिला लिया था। 2015 में उन्होंने एक साथ बीटेक और एमटेक की डिग्री हासिल की। उनका ब्रांच मेट्रोलॉजी एंड मैटेरियल साइंस था। आईआईटी क्रैक करने से पहले भी मैट्रिक और इंटरमीडिएट में श्रवण ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।
श्रवण ने बातचीत में बताया कि सरकारी जॉब में जो सिक्यूरिटी है, वह प्राइवेट जॉब में नहीं। रेलवे की बात ही अलग है। रेलवे से जुड़ कर वे काफी खुश हैं। एक सवाल के जवाब में श्रवण ने बताया कि कोर्स पूरा होने के बाद आईआईटी में कैंपस के लिए कई कंपनियां आईं थीं लेकिन सभी नन कोर सेक्टर में जॉब दे रही थीं। उन्हें कोर सेक्टर में काम करना था। पहली नौकरी है। आरआरबी एनटीपीसी की भी परीक्षा दी है। भविष्य में डिपार्टमेंट प्रमोशन के लिए भी प्रयास करेंगे। फिलहाल वे पूरी निष्ठा से रेलवे की ओर से मिली जिम्मेवारी का वहन कर रहे हैं। श्रवण के बड़े भाई रंजीत कुमार पटना में पीडब्ल्यूडी में नौकरी करते हैं।