बीते 3 सालों में मकान खरीदना हुआ महंगा, इस शहर में बढ़े सबसे ज्यादा दाम

Edited By Rahul Singh,Updated: 24 Nov, 2023 08:42 AM

buying a house has become expensive in the last 3 years

सबसे ज्यादा 33 फीसदी मकान के दाम हैदराबाद में बढ़े हैं। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की अक्टूबर 2020 से अक्टूबर 2023 के बीच मकानों की कीमत पर 7 प्रमुख शहरों के रियल एस्टेट बाजारों पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक...

नई दिल्ली। बीते तीन साल में देश के शीर्ष सात शहरों के प्रमुख रियल एस्टेट बाजारों में मकान खरीदना एक तिहाई महंगा हो गया है। सबसे ज्यादा 33 फीसदी मकान के दाम हैदराबाद में बढ़े हैं। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की अक्टूबर 2020 से अक्टूबर 2023 के बीच मकानों की कीमत पर 7 प्रमुख शहरों के रियल एस्टेट बाजारों पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक गचीबावली में मकान की औसत कीमत 4,790 रुपये से बढ़कर 6,355 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है। हैदराबाद के कोंडापुर में 31 फीसदी और मियापुर में मकान की औसत कीमत में 28 फीसदी इजाफा हुआ है। 

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कहां कितने फीसदी हुए महंगे ?

हैदराबाद के बाद बेंगलूरु और एनसीआर में मकान महंगे हुए हैं। बेंगलूरु के व्हाइटफील्ड में मकान की औसत कीमत 29 फीसदी बढ़कर 6,325 रुपये हो गई, जबकि एनसीआर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में यह कीमत 27 फीसदी बढ़ी है। यहां औसत कीमत 3,450 रुपये से बढ़कर 4,380 रुपये वर्ग फुट हो गई है। एनसीआर के ही द्वारका एक्सप्रेसवे पर कीमत 20 फीसदी बढ़कर 6,410 रुपये, न्यू गुरुग्राम में 17 फीसदी बढ़कर 7,110 रुपये, राजनगर एक्सटेंशन में 21 फीसदी बढ़कर 3,950 रुपये और नोएडा सेक्टर- 150 में 25 फीसदी बढ़कर 6,380 रुपये वर्ग फुट ट हो गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के आईटी हब वाघोली में 25 फीसदी और हिंजेवाडी में मकानों की औसत में 22 फीसदी इजाफा हुआ है। एमएमआर के अंधेरी में 19 फीसदी, लोअर परेल में 21 फीसदी, वर्ली में 13 फीसदी मकान महंगे हुए हैं। मकानों की औसत में कोलकाता के बाजारों में 13 से 24 फीसदी, जबकि चेन्नई के बाजारों में 15 से 19 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एनारॉक समूह के क्षेत्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा कि शीर्ष सात शहरों में आईटी के गढ़ वाले शहरों हैदराबाद, बेंगलूरु और पुणे के प्रमुख क्षेत्रों में औसत कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। हैदराबाद में कीमत बढ़ने की अधिक गुंजाइश रही क्योंकि यहां कोविड- 19 से पहले की औसत कीमतें बेंगलूरु के आईटी/आईटीईएस केंद्रों की तुलना में अपेक्षाकृत कम थीं।

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दिल्ली - एनसीआर में 27 फीसदी तक बढ़े दाम

■ हैदराबाद के गचीबावली में सबसे ज्यादा 33 फीसदी महंगे हुए मकान, एनसीआर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 27 फीसदी बढ़े दाम
■ भारत को स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतें पूरी करने के लिए चाहिए 2 अरब वर्ग फुट अतिरिक्त जगह, अस्पतालों में 24 लाख बेड की कमी

स्वास्थ्य देखभाल के लिए चाहिए 2 अरब वर्ग फुट अतिरिक्त जगह

गुरुवार को जारी नाइट फ्रैंक की ग्लोबल हेल्थकेयर रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 1.42 अरब की वर्तमान आबादी की जरूरतें पूरी करने के लिए अतिरिक्त 2 अरब वर्ग फुट जगह की आवश्यकता है। वर्तमान में भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित मानकों को प्राप्त करने के लिए 24 लाख बेड की कमी का सामना कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि एक अनुमान के मुताबिक इस समय भारत में 70,000 अस्पताल हैं, जिनमें 63 फीसदी निजी क्षेत्र से हैं।

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इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के निजी व सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों में जनसंख्या के हिसाब से प्रति 1,000 पर 1.3 बेड हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार प्रति 1,000 पर 3 बेड होने चाहिए। भारत में दूसरे देशों की तुलना में प्रति 1,000 पर बेड की संख्या काफी कम है।

भारत के हेल्थ केयर बाजार की तेज वृद्धि को देखते हुए यह कमी महत्त्वपूर्ण है। वर्ष 2022 में भारत में इस बाजार का आकार 372 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था, जो वर्ष 2012 में 73 अरब डॉलर से काफी अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलाज की लागत अपने एशियाई समकक्ष देशों से काफी कम हैं।

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