सी.ए.ए. को लागू करना केंद्र का ही क्षेत्राधिकार, जानिए राज्य सरकारों की कितनी रहेगी भूमिका

Edited By Mahima,Updated: 14 Mar, 2024 09:32 AM

caa implementation is the jurisdiction of the center only

लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) लागू करने को लेकर विरोध शुरू हो गया है, खासकर गैर भाजपा राज्य इसकी जबरदस्त मुखालफत कर रहे हैं। इसके अलावा  सी.ए.ए. के विरोध को लेकर कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया है।

नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) लागू करने को लेकर विरोध शुरू हो गया है, खासकर गैर भाजपा राज्य इसकी जबरदस्त मुखालफत कर रहे हैं। इसके अलावा  सी.ए.ए. के विरोध को लेकर कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया है। यहां आपको बताने जा रहे हैं कि सी.ए.ए. को लागू करना केंद्र सरकार का विषय है और जानकारों की मानें तो राज्य सरकारों के विरोध के बावजूद इसे लागू करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। बताया जा रहा है कि  सी.ए.ए. की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही भारत के नागरिकता से संबंधित पोर्टल पर सी.ए.ए. के तहत ऑनलाइन आवेदन आने भी शुरू हो गए हैं।

केंद्र सरकार की ही रहेगी अहम भूमिका
एक मीडिया रिपोर्ट में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि नागरिकता केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का विषय है, ऐसे में राज्य सरकारों के विरोध का कोई असर नहीं होगा। रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सी.ए.ए. नियमों में नागरिकता के आवेदन की प्रक्रियाओं को संभालने की जिम्मेदारी डाक विभाग और जनगणना से जुड़े अधिकारियों को सौंपने का फैसला किया है। आवेदकों की पृष्ठभूमि की छानबीन का काम केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां ही करेंगी। ये विभाग केंद्र सरकार के तहत आते हैं। इससे एक बात तो साफ जाहिर है कि सी.ए.ए. को क्रियान्वित करने में केंद्र सरकार की भूमिका अहम रहेगी।

राज्य का कमेटी में होगा सिर्फ एक निदेशक
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक आवेदकों को ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। इसलिए राज्य सरकार के अधिकारियों, स्थानीय पुलिस के सी.ए.ए. की प्रक्रिया में शामिल होने की संभावनाएं कम हैं। आवेदकों के आवेदन पर अंतिम फैसला भी केंद्र की ही एक  एम्पावर्ड   कमेटी  करेगी। इसमें संबंधित राज्य का सिर्फ एक निदेशक होगा। इस कमेटी में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी, पोस्ट मास्टर जनरल, नेशनल इन्फार्मेशन सेंटर के अधिकारी, राज्य के गृह विभाग से एक प्रतिनिधि और डिविजनल रेलवे मैनेजर होंगे।

जिला स्तरीय कमेटी में भी होंगे केंद्र के अधिकारी
इसके अलावा जिला स्तर की कमेटी (डी.एल.सी.) भी जमीनी स्तर पर काम करेगी। यहां उल्लेखनीय यह है कि इसमें भी केंद्र सरकार के अधिकारी ही रहेंगे। इसमे अधीक्षक या नायब तहसीलदार रैंक का समकक्ष एक अधिकारी होंगे। एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि सी.ए.ए. के सेक्शन 6 बी के तहत आवेदकों को कई श्रेणियों में बांटा गया है।

आवेदकों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के सरकारी विभागों की ओर से जारी हुए दस्तावेजों को भी जमा करना होगा। इसके अलावा आवेदकों को जिला स्तर की कमेटी के सामने जाकर पेश भी होना होगा।  अगर सारे दस्तावेज सही पाए गए तो अधिकारी एक तरह का शपथ पत्र आवेदक को जारी करेगा और जरूरी कागजात की डिजिटल कॉपी एम्पावर्ड कमेटी के पास अंतिम फैसले के लिए भेज दी जाएगी।

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