Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Jul, 2018 10:34 AM
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर जंग अभी खत्म नही हुई है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बावजूद भी दोनों के बीच टकराव जारी है। रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर रेजिडेंट...
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर जंग अभी खत्म नही हुई है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बावजूद भी दोनों के बीच टकराव जारी है। रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन( RWA) और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सीसीटीवी कैमरों से जुड़ी उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर दिल्ली में कोई सीसीटीवी लगाता है तो उसके लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस लेना पड़ेगा।
केजरीवाल ने उपराज्यपाल की इस रिपोर्ट का विरोध करते हुए कहा इस नियम के आधार पर पैसा चढ़ाओ और और लाइसेंस ले जाओ। सीएम ने कहा कि सीसीटीवी कहां लगने ये दिल्ली पुलिस नहीं बल्कि महिलाएं और मार्केट एसोसिएशन तय करेंगे। अपने संबोधन के बीच में वहां उपस्थित लोगों से केजरीवाल ने पूछा कि क्या सीसीटीवी के लिए लाइसेंस होना चाहिए, सभी ने न में जवाब दिया। इसके बाद दिल्ली मुख्यमंत्री ने पूछा कि इस रिपोर्ट का क्या किया जाए। लोग कुछ बोलते इससे पहले ही केजरीवाल ने जनता का हवाला देते हुए एलजी की रिपोर्ट के दो टुकड़े कर दिए।
उन्होंने कहा कि यह जनता का फैसला और जनता जनार्दन होती है। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने अपने चुनावी वादे में सीसीटीवी लगाने की बात कही थी लेकिन तीन साल तक वह अपना वादा पूरा नहीं कर पाई। केजरीवाल इस देरी के लिए केद्र सरकार और उपराज्यपाल को जिम्मेदार ठहराते आए हैं।