आतंकवाद का वित्तपोषण: NIA के पूर्व अधिकारी सहित सात के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

Edited By Pardeep,Updated: 13 May, 2022 10:22 PM

chargesheet filed against seven including former nia official

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में अपने पूर्व अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी और कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज सहित

नई दिल्लीः राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में अपने पूर्व अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी और कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज सहित सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 

एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि नई दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पूर्व पुलिस अधीक्षक नेगी, परवेज, उत्तरी कश्मीर के मुनीर अहमद कटारिया और अर्शिद अहमद टोंच, बिहार के जफर अब्बास और पश्चिम बंगाल के रामभवन प्रसाद व चंदन महतो के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया। उन्होंने बताया कि नेगी को इस साल फरवरी में जबकि परवेज को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। 

प्रवक्ता ने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की साजिश के भंडाफोड के बाद हुई। एनआई को पता चला था कि आतंकवादी संगठन ऑपरेटिव और ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) का वित्तपोषण और भर्ती जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने और उसके क्रियान्वयन के लिए कर रहा है। एनआईए ने इस मामले में पिछले साल छह नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की थी। 

एनआईए ने बतााया,‘‘जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान में बैठकर लश्कर के आतंकवादी परवेज, कटारिया, टोंस और अब्बास के साथ आतंकवादी संगठन के लिए ओजीडब्ल्यू का नेटवर्क चलाने की साजिश कर रहे हैं। इसका उद्देश्य भारत में लश्कर की आतंकवादी गतिविधियों को और बढ़ाना था।''

एजेंसी ने बताया कि ये आरोपी अहम प्रतिष्ठानों, सुरक्षा बलों की तैनाती और आवाजाही से संबंधित जानकारी एकत्रित करते थे, गोपनीय दस्तावेज हासिल करते थे और उन्हें लश्कर के आकाओं को कूट संचार के जरिए रुपयों के बदले भेजते थे। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘जांच में खुलासा हुआ कि नेगी ने सरकारी अधिकारी होने के नाते अपने पद का दुरुपयोग किया और अनधिकृत रूप से आधिकारिक गोपनीय दस्तावेज धन के बदले सह आरोपियों को मुहैया कराए। इसके साथ ही जांच से समझौता करने के लिए सह आरोपियों से रिश्वत की भी मांग की।'' 

एनआईए ने बताया कि प्रसाद और महतो के पास फर्जी पहचान पत्र थे जिनका इस्तेमाल उन्होंने सिम कार्ड हासिल करने और बैंक खाते खुलवाने में किया और रुपयों के लिए सह आरोपियों को हस्तांतरित किया। 

प्रवक्ता ने बताया कि नेगी पर भारतीय दंड संहिता, आधिकारिक गोपनीय अधिनियम और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं जबकि परवेज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच चल रही है। 

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