Edited By Anil dev,Updated: 09 May, 2019 01:56 PM
अक्सर ट्रेन या बस में सफर के दौरान जिस पानी पर आप सबसे सुरक्षित होने का भरोसा करते हैं, उसी में बड़ा धोखा है। अगर लगता है कि ब्रांडेड पानी सेहतमंद है तो ये भी गलतफहमी है। दरअसल हाल ही में चेन्नई के सरकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने खुलासा किया है...
नई दिल्ली: अक्सर ट्रेन या बस में सफर के दौरान जिस पानी पर आप सबसे सुरक्षित होने का भरोसा करते हैं, उसी में बड़ा धोखा है। अगर लगता है कि ब्रांडेड पानी सेहतमंद है तो ये भी गलतफहमी है। दरअसल हाल ही में चेन्नई के सरकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने खुलासा किया है कि इन बोतलबंद मिनरल वाटर में से ज्यादातर में अशुद्ध पानी और इनके ऊपर मशहूर ब्रांड्स के फर्जी लेबल लगाए जा रहे हैं।
जानकारी मुताबिक इन अधिकारियों ने चेन्नई में वैन और मिनी ट्रकों पर लदकर जाने वाले कुल 3632 बोतलों की जांच की, जिसमें उन्हें पानी की गुणवत्ता में भारी फर्जीवाड़ा मिलने के साथ ही यह भी पता चला कि बोतलों के ऊपर उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने के लिए फर्जी लेबल भी लगाए गए थे। इसके बाद अधिकारियों ने 35 वाहनों में कुल 3632 बोतलों में से 649 को जब्त किया गया। ढेरों बोतलों में मौजूद अशुद्ध पानी को सड़क पर फैला दिया गया। इस तरह अधिकारियों ने कोलाथुर के रेट्टेरी सिग्नल और वेलैचेरी के विजय नगर बस स्टैंड पर भी जांच की। व्यापक जांच के बाद अधिकारियों ने प्रमाण न होने पर पानी की गुणवत्ता में खामी के चलते 152 कैनों को जब्त कर लिया।
वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान अधिकारियों ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि पैसा कमाने के लिए कुछ लोग बोतलों में अशुद्ध पानी भरकर यात्रियों को मिनरल वाटर के नाम पर बेचकर उनकी जान से खेलते हैं। पानी देने वाले आमतौर पर 20-25 रुपये में मिलने वाली बोतल के लिए 50 रुपए वसूलते हैं। उन्होंने कहा कि पानी सप्लाई करने बोतलों की पैकेजिंग और मार्केटिंग को इतने अच्छे ढंग से करते हैं कि कई बार लोग धोखा खा जाते हैं। ऐसे में शुद्ध पानी पीने का सबसे अच्छा तरीका है कि नलों से आने वाले पानी को अच्छी तरह उबाल कर पीया जाए।