5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के आह्वान पर चिदंबरम का तंज, इसके लिए वित्त मंत्री की जरूरत नहीं

Edited By Yaspal,Updated: 12 Jul, 2019 12:28 AM

chidambaram s tan on the call for a 5 trillion dollar economy

राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्ष ने सरकार पर बजट में देश की आर्थिक खुशहाली का केवल ‘‘ट्रेलर'''' दिखाने तथा रोजगार अवसर, ढांचागत सुधार और घरेलू बचत को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। अर्थव्यवस्था को 5000...

नई दिल्लीः राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्ष ने सरकार पर बजट में देश की आर्थिक खुशहाली का केवल ‘‘ट्रेलर'' दिखाने तथा रोजगार अवसर, ढांचागत सुधार और घरेलू बचत को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। अर्थव्यवस्था को 5000 अरब अमेरिकी डॉलर बनाने के सरकार के लक्ष्य पर तंज कसते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था अपने आप इसे हासिल कर लेगी और इसके लिए किसी ‘‘वित्त मंत्री'' की भी आवश्यकता नहीं है। विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सत्ता पक्ष ने दावा किया कि यह गांव और गरीब का बजट है और इसमें भविष्य का ‘‘रोडमैप'' पेश किया गया है।

भाजपा सांसद ने कांग्रेस पर कसा तंज
भाजपा के अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस से सवाल किया कि अर्थव्यवस्था में हर 5-6 साल में दुगने आकार में परिवर्तित होने का उसका दावा यदि सही है तो 1990 के दशक से पहले के चार दशकों में ऐसा क्यों नहीं हो पाया? पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आम बजट पर उच्च सदन में हुयी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संबंध में बजट दस्तावेजों और आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों में समानता नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत होने की बात की गयी है जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में यह सात प्रतिशत तय की गयी है।

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एकीकृत तस्वीर पेश करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि बजट में ढांचागत सुधारों की बात की गयी है लेकिन इस संबंध में कोई विस्तृत तस्वीर नहीं पेश की गयी है। अर्थव्यवस्था के बढ़कर 5000 अरब डालर का होने के सरकार के दावे की चर्चा करते हुए चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था हर छह-सात साल में दोगुनी हो जाती है। इसके लिए किसी वित्त मंत्री की भी जरूरत नहीं है।

चिदंबरम क्या बोले बजट को लेकर
चिदंबरम ने कहा कि बजट में निवेश बढ़ाने की बात की गयी है लेकिन यह कैसे हो पाएगा, उसका ब्यौरा नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से घरेलू बचत की दर लगभग स्थिर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा बजट में घरेलू बचत को प्रोत्साहन देने के लिए कोई उपाय नहीं करने पर चिंता जतायी। तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर रॉय ने दावा किया कि आम बजट में ‘‘भ्रामक और परस्पर विरोधाभासी तथ्य एवं आंकड़े'' पेश किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार, आर्थिक विकास दर और कृषि विकास सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार ने आंकड़ों की बाजीगरी की है।

अश्विनी वैष्णव ने जताई आपत्ति
भाजपा के अश्चिनी वैष्णव ने कांग्रेस सदस्य चिदंबरम की इस राय पर आपत्ति जतायी कि अर्थव्यवस्था खुद ही पांच छह साल में दोगुनी हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो 1990 से पहले के चार दशकों में भी अर्थव्यवस्था वैसे ही बढ़ती। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 हजार करोड़ रूपए के निवेश से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इसके अलावा इस निवेश का एक खासा हिस्सा वापस कर के रूप में सरकार को प्राप्त होगा।

कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने बजट को दिशाहीन और असंतुलित बताते हुये बजट की तुलना उस फिल्म से की जिसका सिर्फ ट्रेलर दिख रहा हो, पूरी फिल्म नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार देश के विकास के जो दावे कर रही है, बजट में उन दावों की पुष्टि का कोई दृष्टिकोण भी नहीं दिखा। सिब्बल ने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश तथा घरेलू एवं बाह्य उपभोग किसी भी अर्थव्यवस्था के चार इंजन होते हैं। इनमें से तीन इंजन पूरी तरह से ध्वस्त हो गये हैं और एक इंजन ध्वस्त होने की कगार पर है।

 

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