Edited By vasudha,Updated: 22 Jun, 2020 02:57 PM
भारत का पड़ोसी मुल्क और पुराना दोस्त नेपाल पिछले कुछ दिनों से देश को आंख दिखा रहा है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि नेपाल ने चीन के इशारे पर ही एक छोटे से सीमा विवाद को बहुत बड़े झगड़े का रूप दे दिया है। शायद ही बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि...
नेशनल डेस्क: भारत का पड़ोसी मुल्क और पुराना दोस्त नेपाल पिछले कुछ दिनों से देश को आंख दिखा रहा है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि नेपाल ने चीन के इशारे पर ही एक छोटे से सीमा विवाद को बहुत बड़े झगड़े का रूप दे दिया है। शायद ही बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि यह सब करना नेपाल की मजबूरी है।
न्यूज 24 की रिपोर्ट के अनुसार चालबाज चीन ने नेपाल के उत्तरी गोरखा में रुई गांव पर किया कब्जा कर लिया है। नेपाली अखबार अन्नपूर्णा पोस्ट के मुताबिक रुई गांव वर्ष 2017 से तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा हो गया है। इस गांव में अभी 72 घर हैं। रुई गांव के सीमा स्तंभों को अतिक्रमण को वैध बनाने के लिए हटा दिया गया है। हालांकि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नहीं चाहते कि यह बात दुनिया के सामने आए और इसे छुपाने के लिए ही उन्होंने भारत विरोधी क़दम उठाया है।
बताया जा रहा है कि रुई गांव क्षेत्र अभी भी नेपाल के नक़्शे में शामिल है, लेकिन वहां पर पूरी तरह से चीन का कब्जा है। कुछ जानकारों की माने तो नेपाल के कई और इलाके चीन की रडार पर हैं। चीन कभी भी दावा ठोंक सकता है ऐसे मेे नेपाल सरकार चक्रव्यूह में फंस चुकी है और वहां से निकल पाना उसके लिए मुश्किल होता जा रहा है।
नेपाली इतिहासकार धुंगेल ने इस सब के पीछे नेपाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहाकि भारत के साथ सीमा के मुद्दे सभी को दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उत्तरी सीमा में तिब्बत की सीमा से लगे इलाके में नेपाल का हाल बहुत ही खराब है।' चीन के साथ पींगे बढ़ा रही नेपाल सरकार अब इस पूरे मामले को लेकर बुरी तरह से फंसती नजर आ रही है।