कॉरपोरेट फ्रॉड रोकने के लिए PM मोदी का नया प्लान, कंपनी डायरेक्टर्स को देनी होगी परीक्षा

Edited By shukdev,Updated: 12 Jun, 2019 08:18 PM

company directors will have to sit for exams in india after scandals

अपनी दूसरी पारी में प्रधानमंत्री मोदी अब देश के कॉरपोरेट गवर्नेंस सिस्टम को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल में कॉरपोरेट सेक्टर में फर्जीवाड़े की कई घटनाओं के सामने आने के बाद पीएम मोदी की कोशिश है कि कॉरपोरेट सेक्टर के गवर्नेंस सिस्टम...

नई दिल्ली: अपनी दूसरी पारी में प्रधानमंत्री मोदी अब देश के कॉरपोरेट गवर्नेंस सिस्टम को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल में कॉरपोरेट सेक्टर में फर्जीवाड़े की कई घटनाओं के सामने आने के बाद पीएम मोदी की कोशिश है कि कॉरपोरेट सेक्टर के गवर्नेंस सिस्टम में बड़ा बदलाव किया जाए ताकि फर्जीवाड़े पर रोकथाम लगे। इस योजना के तहत जल्द ही कंपनी के बोर्ड में नियुक्त होने से पहले स्वतंत्र निदेशकों को एक परीक्षा पास करनी होगी। यह जानकारी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव इंजेती श्रीनिवास ने दी।

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श्रीनिवास ने कहा है कि कंपनी बोर्डो के स्वतंत्र निर्देशकों को उनकी नियुक्ति किए जाने से पूर्व एक परीक्षा देनी होगी। सरकार डिलोटी हास्किन एंड सेल्स पर भी प्रतिबंध लगाने जा रही है। सरकार का कहना है कि ये  प्रमुख छाया ऋणदाताओं के बढ़ रहे खतरे को सावधान करने में विफल रही हैं और बैंकिंग नियामक जांच के बाद इस महीने एक ईवाई को निलंबित कर दिया था। इस संबंध में निगरानी कौन करेगा, भारत में ये एक ज्वलंत समस्या बन गयी है। पिछले वर्ष एक ज्वैलर्स पर दो बिलियन पोंड से अधिक का सरकारी ऋण का फ्रॉड करने का आरोप लगा है। ये गैर बैंक वित्तीय कंपनियों में दोष देखा गया जिसने वित्तीय प्रणाली को संकट के निकट लाकर खड़ा कर दिया और देखा कि करोड़पति कंपनियां दिवालिया होकर रह गयी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि कंपनियों के स्वतंत्र निर्देशकों को अपनी गड़बड़ी से पूर्व ही इस दोष को पकड़ लेना चाहिए। 
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श्री निवास ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमें इस कल्पना को समाप्त करना होगा कि स्वतंत्र निर्देशकों का कोई जिमेदारी पूर्ण कार्य नही होता। हमें कार्पोरेट जगत में ये प्रचार करना चाहिए कि स्वतंत्र निर्देशकों को कर्तव्य भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराना चाहिए। श्री निवास ने कहा कि यह परीक्षा ऑनलाइन प्रणाली पर होगी जिसके विषय भारतीय कंपनी कानून, आचार विचार और पूंजीगत बाजार नियमों पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि इच्छुक निर्देशकों की निश्चित समय सीमा निर्धारित करनी होगी। जिसके तहत उन्हें परीक्षा पास करनी होगी,उन्हें असीमित बार कोशिश करने की अनुमति होगी। कई वर्षों से बोर्डों में तैनात अनुभवी निर्देशकों को इस परीक्षा से छूट होगी। मगर उन्हें सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे डाटा बेस आधार में खुद को पंजीकृत करना होगा।
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