वर्ष 2022 में दौड़ेगी देश की पहली बुलेट ट्रेन, जानिए इसकी खासियत

Edited By vasudha,Updated: 13 Apr, 2018 08:15 PM

country first bullet train to be run in 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट को लेकर सरकार ने तैयारी कर ली है। इस ट्रेन का पहला रूट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से मुंबई के लिए चुना गया है...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट को लेकर सरकार ने तैयारी कर ली है। इस ट्रेन का पहला रूट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से मुंबई के लिए चुना गया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने शुक्रवार को बताया कि 2022 तक बुलेट ट्रेन परियोजना पूरी हो जायेगी और अहमदाबाद -मुंबई मार्ग पर इसका परिचालन शुरू हो जायेगा । उन्होंने बताया कि इस परियोजना में खर्च की जाने वाली वृहत राशि से भारतीय रेल की अन्य परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

250 से 3,000 रूपए तक होगा किराया
इस बुलेट ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को 250 से 3,000 रूपया तक किराया देना होगा जो उनके गंतव्य पर निर्भर करेगा। प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की ‘ टॉप स्पीड ’ 320 किमी / घंटा होगी। इसका परिचालन 2022 तक शुरू होने की उम्मीद है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के संभावित किराये का पहला आधिकारिक संकेत देते हुए ‘ नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ’ ( एनएचएसआरसीएल ) के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने बताया कि किराये की यह दर मौजूदा अनुमानों और हिसाब पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच का किराया 3,000 रूपया होगा, जबकि बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स और ठाणे के बीच किराया 250 रूपया होगा।   

ट्रेन में होंगे 10 डिब्बे 
खरे के अनुसार ठाणे और बांदा - कुर्ला कॉम्पलेक्स के बीच हाई स्पीड ट्रेन से यात्रा में 15 मिनट का समय लगेगा और इसका किराया 250 रूपया होगा। जबकि टैक्सी से करीब डेढ़ घंटा का समय लगता है और 650 रूपया अदा करना होता है। उन्होंने बताया कि एक ट्रेन में 10 डिब्बे होंगे, जिसमें से एक ‘ बिजनेस क्लास ’ होगा।  परियोजना के तहत निर्माण कार्य इस साल दिसंबर में शुरू हो सकता है क्योंकि उस वक्त तक भूमि अधिग्रहण हो जाने की उम्मीद है।  मंत्रालय को परियोजना के लिए 1,415 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी और इसने अधिग्रहण के लिए 10,000 करोड़ रूपया मंजूर किया है। महाराष्ट्र सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी है।  

इस परियोजना से कई लोगों को मिलेगा रोजगार 
अधिकारी के अनुसार क्रियान्वयन प्राधिकरण में 3,000- 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा जबकि परियोजना के निर्माण चरण के दौरान 30,000 - 40,000 कामगारों को काम पर रखा जाएगा। परियोजना में जापान की अधिक भागीदारी होने की खबरों को खारिज करते हुए खरे ने कहा कि उसकी सिर्फ 18 6 प्रतिशत भागीदारी होगी और उनका योगदान कुछ ही खंडों तक सीमित होगा जैसे कि अहमदाबाद और वडोदरा के बीच कॉरीडोर बनाना और समुद्र के नीचे सुरंग बनाना। उन्होंने बताया कि भारतीय ठेकेदार 460 किमी का काम करेंगे जबकि जापान समुद्र के नीचे सिर्फ 21 किमी का निर्माण कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि भारत से 360 लोगों को प्रशिक्षण के लिए जापान भेजा जाएगा , जिनमें से 80 को वहां जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी।  

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