Edited By Mahima,Updated: 22 May, 2024 11:23 AM
![couple stopped from traveling in flight](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_11_23_026926672vitasa-ll.jpg)
आए दिन एयरलाइंस से जुड़ी कोई ना कोई खबर सामने आती ही रहती है। इसी बीच चंडीगढ़ से जुड़ा मामला देखने को मिला है। जहां शहर का एक दंपती विदेश में रहने वाले परिवार से मिलने यूनाइटेड किंगडम (यूके) गया था।
नेशनल डेस्क: आए दिन एयरलाइंस से जुड़ी कोई ना कोई खबर सामने आती ही रहती है। इसी बीच चंडीगढ़ से जुड़ा मामला देखने को मिला है। जहां शहर का एक दंपती विदेश में रहने वाले परिवार से मिलने यूनाइटेड किंगडम (यूके) गया था। वहां से लौटते समय एयरलाइंस ने उन्हें फ्लाइट पर सफर करने की अनुमति नहीं दी। मोहाली के हरमिलाप नगर निवासी करनैल सिंह और उनकी पत्नी मंजीत कौर ने मामले की शिकायत जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को दी। आयोग ने विस्तारा- टाटा एयरलाइंस को सेवा में कोताही बरतने का दोषी मानते हुए 20 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। वहीं एयरलाइंस को टिकट राशि के 76 हजार रुपये शिकायतकर्ताओं को लौटाने का आदेश दिया है।
आयोग को दी शिकायत में दंपती ने बताया कि नवंबर 2021 में दोनों पति-पत्नी ने दिल्ली से यूनाइटेड किंगडम आने-जाने के लिए फ्लाइट टिकट बुक करवाए थे। टिकट बुकिंग के लिए 1,36,000 रुपये का भुगतान किया था। यात्रा के लिए आवश्यक सभी शर्तों को पूरा करने के बाद दंपती ने पांच नवंबर 2021 को यूके 17 फ्लाइट से दिल्ली से लंदन तक यात्रा की। वहां से उन्हें चार मार्च 2022 को दिल्ली लौटना था, जिसके लिए रिटर्न टिकट पहले ही लिए थे।
बावजूद एयरलाइंस ने उन्हें बिना किसी कारण फ्लाइट में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी। शिकायतकर्ता दंपती ने आरोप लगाया कि फ्लाइट पर यात्रा से रोकने की वजह से उन्हें लंदन में किराये पर रहना पड़ा और इसके लिए 60 हजार रुपये खर्च हुए। इसके बाद दंपती को यूके से दिल्ली लौटने के लिए एयरलाइंस से नए टिकट लेने पड़े। इसके लिए उन्हें 76 हजार रुपये अतिरिक्त देने पड़े। विस्तारा एयरलाइंस ने शिकायत का विरोध करते हुए जवाब दिया कि शिकायतकर्ताओं ने तय नियमों के अनुसार एयर सुविधा पोर्टल पर स्व घोषणा पत्र और दस्तावेज जमा नहीं किए थे। हालांकि आयोग ने दंपती के हक में फैसला सुनाया।
दिव्यांग कर्मियों के खिलाफ पीआरटीसी की अपील खारिज
राज्य ब्यूरो, जागरण, चंडीगढ़: पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने पीआरटीसी को झटका देते हुए सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली दो अपील खारिज कर दी हैं। दिव्यांग कर्मियों को सेवा के अतिरिक्त दो वर्ष का लाभ देने के सिंगल बेंच के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। याचिका दाखिल करते हुए पीआरटीसी ने कहा था कि याचिकाकर्ता मार्च और मई 2015 में रिटायर हुए थे जबकि पीआरटीसी ने दिव्यांग कर्मियों को दो साल की अतिरिक्त सेवा का लाभ देने वाला सर्कुलर 2016 में अपनाया था। ऐसे में इसका लाभ याचिकाकर्ताओं को नहीं दिया जा सकता है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि एक बार यदि सरकार के सर्कुलर को स्वीकार किया गया है तो इसका लाभ सभी कर्मियों को समान रूप से दिया जाना चाहिए। सर्कुलर स्वीकार करने के आदेश में यह लिखा गया है कि इसे स्वीकार किया जा रहा है लेकिन इसे कब से प्रभावी माना जाएगा यह नहीं। इस आधार पर हाई कोर्ट ने पीआरटीसी की दो अपील खारिज करते हुए कर्मियों को दो साल की अतिरिक्त सेवा का लाभ जारी करने के आदेश को बरकरार रखा है।